भिलाई में 79 लाख की सड़क 3 दिन में उखड़ी, निर्माण कार्य पर उठे सवाल

भिलाई नगर निगम के जोन-2 अंतर्गत कुरुद क्षेत्र में 79 लाख की लागत से बनी सड़क महज़ तीन दिन में उखड़ने लगी है। अभी इस सड़क पर अंतिम परत यानी सीलकोट का कार्य बाकी था, लेकिन उससे पहले ही सड़क की गिट्टियाँ ढीली होकर बिखर गईं। यह सड़क साईं मंदिर हाउसिंग बोर्ड से होते हुए गोकुलधाम की ओर जाती है, जहां रोजाना भारी वाहनों से लेकर बाइक और कारों की आवाजाही होती है।
स्थानीय लोगों ने वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन से सड़क की मांग की थी। स्वीकृति तो मिल गई, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने निर्माण गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। लोगों का आरोप है कि ठेकेदार ने शुरू से ही लापरवाही बरती। एक ही दिन में WBM (वॉटर बाउंड मैकाडम) बिछाकर रोलर चला दिया गया, जबकि पर्याप्त रोलिंग बेहद जरूरी था।
रहवासियों के अनुसार, WBM के ऊपर पतला इमल्शन डालकर आगे का कार्य शुरू कर दिया गया। इस दौरान न मशीन से छिड़काव किया गया, न ही सही मात्रा में डामर मिलाया गया। नतीजतन, सड़क की ऊपरी परत टिक नहीं पाई और सिर्फ 3 दिन में ही गिट्टियाँ उखड़ने लगीं।
निगम के इंजीनियर अरविंद शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि सड़क का कार्य अभी अधूरा है और गुणवत्ता की जांच की जा रही है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क बारिश का एक दौर भी नहीं झेल पाएगी।
तकनीकी दृष्टि से देखा जाए तो किसी भी डामर सड़क के निर्माण में WBM और WMM (वेट मिक्स मैकाडम) कार्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। WBM में पत्थर और पानी से बेस तैयार किया जाता है और फिर रोलर से दबाव देकर उसे मजबूत किया जाता है। वहीं WMM में डामर को गिट्टी के साथ मिक्स कर ठोस बेस तैयार किया जाता है। इसके ऊपर डामर और बारीक गिट्टी की परत डालकर सीलकोट किया जाता है, जो इस सड़क में अभी तक नहीं हुआ था।
स्थानीयों का कहना है कि अगर समय रहते निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह सड़क पूरी तरह से व्यर्थ हो जाएगी और लाखों रुपए की सार्वजनिक राशि बर्बाद हो जाएगी।