कर्रेगुट्टा पर नक्सलियों के सुरक्षित किले का खात्मा: 31 ढेर, 250 बंकर, हथियार फैक्ट्री और अस्पताल तबाह
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चलाया गया, जहां सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के गढ़ को ध्वस्त कर दिया। बीजापुर जिले में हुए इस ऐतिहासिक ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 24 दिनों तक लगातार कार्रवाई की, जिसमें 21 बार मुठभेड़ हुई और 31 नक्सलियों को मार गिराया गया। इनमें 17 महिला और 14 पुरुष नक्सली शामिल थे, जिन पर कुल 1.72 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।
🔥 ऑपरेशन कर्रेगुट्टा की 4 बड़ी बातें:
1. 250 से ज्यादा बंकर और तकनीकी इकाइयों का सफाया:
नक्सलियों ने पहाड़ पर 250 से ज्यादा बंकर, हथियार बनाने की फैक्ट्रियां और एक अस्पताल बना रखा था। जवानों ने इन सभी को ध्वस्त कर दिया।
2. 450 से ज्यादा आईईडी निष्क्रिय:
नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को रोकने के लिए चारों ओर 450 से अधिक आईईडी बिछा रखे थे। जवानों ने इन्हें निष्क्रिय करते हुए पहाड़ी तक पहुंच बनाई।
3. हथियार और विस्फोटकों का बड़ा जखीरा बरामद:
818 नग बीजीएल शेल
899 बंडल कार्डेक्स
450 आईईडी
डेटोनेटर और अन्य विस्फोटक
4 लेथ मशीन सहित देसी हथियारों की फैक्ट्रियां
4. 2 साल का राशन और मेडिकल सुविधा:
पहाड़ पर 12000 किलो से ज्यादा राशन था, जिससे नक्सली दो साल तक रह सकते थे। साथ ही एक छोटा अस्पताल भी बनाया गया था।
🚩 नक्सलियों का गढ़ कर्रेगुट्टा हुआ ध्वस्त:
डीजीपी अरुणदेव गौतम और सीआरपीएफ डीजी जीपी सिंह ने बीजापुर में प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि नक्सलियों को लगता था कि कर्रेगुट्टा पहाड़ तक फोर्स नहीं पहुंच सकती, लेकिन जवानों ने यह भ्रम तोड़ दिया।
करीब 7000 जवानों ने इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया, जिसमें 18 जवान घायल हुए।
📽️ डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया ऑपरेशन का दृश्य:
मीडिया को एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई जिसमें दिखाया गया कि कैसे पहाड़ की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को पार कर जवानों ने कर्रेगुट्टा पर कब्जा किया।
🛑 नक्सलियों की ओर से शांति वार्ता की पेशकश:
नक्सलियों के प्रवक्ता अभय ने फिर से शांति वार्ता और युद्धविराम की अपील करते हुए पर्चा जारी किया है। यह हाल के दिनों में पांचवीं बार है जब नक्सलियों ने सरकार से बातचीत की अपील की है।
🗣️ नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री:
“नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में अभियान आगे बढ़ रहा है। शांति स्थापना और विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता अडिग है।”
अमित शाह, गृह मंत्री:
“कर्रेगुट्टा नक्सलियों का यूनिफाइड हेडक्वार्टर था, जहां अब तिरंगा लहरा रहा है। 2026 तक देश नक्सल मुक्त होगा।”
विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री:
“लाल आतंक के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई में हमारे जवानों ने अभूतपूर्व बहादुरी दिखाई है। वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ पूरी तरह नक्सल मुक्त होगा।”
यह ऑपरेशन न सिर्फ सुरक्षा बलों की रणनीति और साहस का परिचायक है, बल्कि यह भी साबित करता है कि नक्सलियों का तथाकथित दुर्ग अब ढह चुका है और शांति की दिशा में छत्तीसगढ़ एक नया अध्याय लिख रहा है।