छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में बीती रात ठंड से एक शख्स की मौत हो गई। आशंका है कि नशे की हालत में दुकान के सामने सो गया था। सरगुजा संभाग में ठंड से ये पहली मौत है। प्रदेश में 11 साल बाद नवंबर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सरगुजा संभाग के सभी जिले शीतलहर की चपेट में हैं। सामरी, मैनपाट, बलरामपुर में न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री के बीच पहुंच गया है। प्रदेश के मैदानी इलाकों में दुर्ग सबसे ठंडा है। यहां रात का पारा 12.9 डिग्री तक गिर गया है। जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक न्यूनतम तापमान स्थिर रहने के संकेत दिए हैं। यानी ठंड बनी रहेगी। नवंबर का दूसरा पखवाड़ा ठंड के लिहाज से अच्छा है। पिछले दो-तीन दिनों से प्रदेश के सभी हिस्सों में ठंड बढ़ गई है।
बलरामपुर गुरुवार को सबसे ठंडा रहा। यहां रात का पारा 8.9 डिग्री रहा जो सामान्य से 3.7 डिग्री कम था। वहीं पेंड्रा रोड में 10.8 डिग्री पारा रहा जो सामान्य से 3.4 डिग्री कम था। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां शीतलहर जैसे हालात हैं।
सर्द मौसम में फाइबरयुक्त चीजों को डाइट में शामिल करने से फायदा मिलता है। अंकुरित चीजें, फल, हरी सब्जियां भोजन में शामिल करने से एसिडिटी की तकलीफ नहीं होती। सर्दियों में तिल, गुड़, मूंगफली, कच्ची हल्दी, आंवला, कालीमिर्च, सोंठ आदि का सेवन जरूर करें, लेकिन सीमित मात्रा में।
खाली पेट खट्टे फल यानी सिट्रस फ्रूट्स जैसे नींबू, संतरा आदि का जूस न पिएं। इससे एसिडिटी बढ़ सकती है। पानी कम पीते हैं तो ये आदत बदल दें। चाय-कॉफी ज्यादा न पिएं। शराब के सेवन से बचें।
बुजुर्गों का मेटाबॉलिज्म वैसे भी कम रहता है और सर्दियों में यह ज्यादा स्लो हो जाता है। ऐसे में ठंडे मौसम में बुजुर्गों के खानपान और लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना चाहिए। भरपेट खाने के बजाय थोड़ा कम खाएं। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम पर दबाव कम पड़ेगा।