छत्तीसगढ़ में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार इस पर गंभीर कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की और सड़क सुरक्षा को लेकर कड़े उपायों की बात की। उन्होंने बताया कि अब हाईवे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना और चार पहिया वाहन चालकों और यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य किया जाएगा।
सीएम ने कहा कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि हादसों की संख्या में कमी लाई जा सके। इस निर्णय के बाद, सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। बैठक में यह भी बताया गया कि ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें जल्द सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।
हाल ही में मंत्री रामविचार नेताम और लक्ष्मी राजवाड़े भी सड़क हादसे का शिकार हो चुके थे, जिससे सरकार को और सख्त कदम उठाने की प्रेरणा मिली। 2024 के पहले दस महीनों में राज्य में 12 हजार सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 5500 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन घटनाओं में सबसे अधिक प्रभावित दोपहिया वाहन चालक हैं, जिनमें से 70% हादसों में उनकी मृत्यु हुई है।
आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में सड़क हादसों का मुख्य कारण थकान और हड़बड़ी है। पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों को अपने-अपने क्षेत्रों में जांच अभियान चलाने और हाईवे पर इंटरसेप्टर वाहनों को तैनात करने के आदेश दिए हैं। इस पहल के तहत, सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपायों की शुरुआत की है, खासकर रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, महासमुंद और बलौदाबाजार जिलों में, जहां अधिकांश सड़क हादसों की घटनाएं हो रही हैं।