पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर द्वारा हाल ही में दिए गए भाषण को लेकर विवाद गहरा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजहर ने बहावलपुर की एक मस्जिद में अपने समर्थकों के बीच भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कीं। इस दौरान उसने बाबरी मस्जिद का भी उल्लेख किया और भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान हमेशा यह दावा करता रहा है कि मसूद अजहर उसके देश में नहीं है। ऐसे में अजहर का सार्वजनिक भाषण पाकिस्तान की दोगली नीतियों को उजागर करता है। उन्होंने आगे कहा कि अजहर 2019 के पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था और उसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है। भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उसे कानून के कटघरे में लाया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मसूद अजहर ने 3 दिसंबर को जैश-ए-मोहम्मद के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक भाषण जारी किया, जिसमें उसने भारत, प्रधानमंत्री मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। उसने अपने भाषण में कहा, “मुझे शर्म आती है कि मोदी जैसे कमजोर व्यक्ति ने हमें चुनौती दी है और नेतन्याहू जैसे ‘चूहे’ हमारी कब्र पर नाचते हैं।” इसके साथ ही उसने जैश के समर्थकों से भारत और इजराइल के खिलाफ नया जिहादी अभियान शुरू करने की अपील की।
भारत के खुफिया अधिकारियों ने कहा कि यह भाषण पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित उम्म-उल-कुरा मदरसा और मस्जिद परिसर में दिया गया था, जो जैश-ए-मोहम्मद के नियंत्रण में है। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने 2019 में इस परिसर को अपने कब्जे में लेने का दावा किया था, लेकिन स्थानीय निवासियों के अनुसार, यहां अभी भी जैश के लोग सक्रिय हैं।
मसूद अजहर का यह भाषण पाकिस्तान के दावे और उसकी नीतियों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, और भारत ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है।