नई ट्रांसफर पॉलिसी
छत्तीसगढ़ पुलिस जल्द ही एक नई ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने जा रही है। इसके तहत पुलिसकर्मियों को अपने ट्रांसफर के लिए नेताओं और अधिकारियों के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी स्वयं ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेगा। सर्विस रिकॉर्ड और नियमों के आधार पर योग्य पाए जाने पर ट्रांसफर आदेश स्वचालित रूप से जारी होगा। यह पॉलिसी अगले 1-2 महीनों में लागू होने की संभावना है।
स्पेशल मीटिंग में हुई चर्चा
राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस पॉलिसी पर एक विशेष बैठक की, जिसमें अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, और मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत शामिल थे। मंत्री ने निर्देश दिया कि नई ट्रांसफर पॉलिसी पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए ताकि विभाग के कामकाज में सुधार हो सके।
नई पॉलिसी की विशेषताएं
- पुलिसकर्मी मोबाइल या कंप्यूटर से ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे।
- नक्सल और मैदानी इलाकों में तैनाती के लिए एक निश्चित अवधि तय की जाएगी।
- साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में ट्रांसफर किए जा सकेंगे।
- नक्सल क्षेत्रों में तैनाती की न्यूनतम अवधि तीन साल होगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- नशे के कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई: गृह मंत्री ने एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषियों की संपत्ति कुर्क करने और शामिल पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए।
- शहीद जवानों के परिवारों को प्राथमिकता: अनुकंपा नियुक्ति के मामलों को तेजी से निपटाने और परिवारों से बातचीत कर “अमर बलिदानी स्मारक” बनाने की योजना।
- चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की नीलामी: प्राप्त राशि प्रभावित निवेशकों को वितरित की जाएगी।
- पुलिस पब्लिक स्कूल और आवास योजना: जरूरत के अनुसार नए स्कूल और आवासीय योजनाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
- नई तकनीकों का उपयोग: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जाने वाली नई तकनीकों को राज्य पुलिस में शामिल करने पर जोर।