पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, नॉर्थ 24 परगना और डायमंड हार्बर में वक्फ कानून के खिलाफ 11 अप्रैल को हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में पुलिस ने अब तक 120 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 70 गिरफ्तारी सूती से और 41 शमशेरगंज से की गई हैं।
हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद, मालदा और नॉर्थ 24 परगना में हालात बिगड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने NH-12 पर कई सरकारी बसों और अन्य वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम फेंके गए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भीड़ को खदेड़ते हुए आंसू गैस के गोले दागे। इस झड़प में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदर्शन के दौरान 3 लोगों की मौत की भी खबरें आईं, लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैफिक रहा बाधित
प्रदर्शन के चलते नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैफिक बाधित हुआ। वेस्टर्न रेलवे ने जानकारी दी कि अजीमगंज-न्यू फरक्का सेक्शन में दोपहर करीब 2:46 बजे लगभग 5000 लोगों ने धुलियानगंगा स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था।
डायमंड हार्बर के अमतला चौराहे पर भी दिनदहाड़े एक पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ की मदद ली गई। 12 घंटे के भीतर शुक्रवार देर रात हालात पर नियंत्रण पाया गया और रेल व सड़क यातायात बहाल किया गया। हालांकि, शनिवार को भी प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं और भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती जारी रही।
राज्यपाल और केंद्र की सक्रियता
राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने इस हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उपद्रव के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। एक वीडियो संदेश में राज्यपाल ने कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।
विपक्ष का आरोप: राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में अराजकता फैली है और कट्टरपंथी खुलेआम हिंसा कर रहे हैं। आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की घोषणा
वक्फ कानून के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 87 दिनों तक चलने वाले वक्फ बचाव अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के पहले चरण में एक करोड़ लोगों से हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जिन्हें प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा। इसके बाद अगले चरण की रणनीति तय की जाएगी।