छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन की कार्यवाही के दौरान महतारी वंदन योजना को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने योजना के तहत पंजीकृत हितग्राहियों की संख्या में गिरावट को लेकर सवाल खड़े किए, जिससे सदन में हलचल मच गई। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि पेंशनधारी महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
विधायक उमेश पटेल ने प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया और पूछा कि प्रदेश में महतारी वंदन योजना के तहत पंजीकृत हितग्राहियों की संख्या में कमी क्यों आई है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या फर्जी नामों से लाभ लेने के मामलों का संज्ञान लिया गया है और क्या इन मामलों की जांच की गई है।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब देते हुए बताया कि योजना के पहले पंजीकरण के दौरान 7027154 हितग्राही पंजीकृत थे, जिनमें से 6963621 हितग्राही पात्र थे। उन्होंने बताया कि संख्या में कमी कुछ कारणों से आई है, जैसे कि लाभार्थियों की मृत्यु, लाभ त्यागने, दोहरी पंजीकरण या अपात्रता के कारण। मंत्री ने बस्तर जिले में फर्जी लाभ लेने का मामला भी स्वीकार किया और बताया कि इस मामले में संबंधित कार्यकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।
विधायक उमेश पटेल ने मंत्री से सवाल किया कि जांच कब और कितनी बार की गई। मंत्री ने बताया कि जांच समय-समय पर होती रहती है और डेट उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि, विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।
सत्तारूढ़ पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई, जिसमें सत्तारूढ़ पक्ष के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट था।