केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नगपुरा में मोर आवास मोर अधिकार कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार को 3 लाख 3 हजार 384 मकानों के स्वीकृति पत्र सौंपे।
शिवराज ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ के प्रति अपने विशेष लगाव को जाहिर करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विजय बघेल उनसे दिल्ली में मिले और मकानों की स्वीकृति के लिए आग्रह किया। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “मकान दो भी और आओ भी। तो भैया, तुमने पुकारा और हम चले आए।”
उन्होंने छत्तीसगढ़ की यादों और रिश्तों को याद करते हुए भावुकता से कहा, “मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भाई-भाई हैं। छत्तीसगढ़ से मिलने का दिल हमेशा करता है, रे बाबा!”
कार्यक्रम में शिवराज का यह अंदाज उपस्थित लोगों को खूब भाया और कार्यक्रम को यादगार बना गया। दुर्ग के नगपुरा में आयोजित मोर आवास मोर अधिकार कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से अपने संबोधन में कहा कि वे छत्तीसगढ़ में मेहमान नहीं हैं। उन्होंने कहा, “अतिथि की तिथि तय नहीं होती, वह बिना बुलाए कभी भी आ सकता है। लेकिन मेरी तारीख तो मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय जी ने तय की।” अपने अंदाज में उन्होंने जोड़ा, “मामा मेहमान कैसे हो सकता है? मैं तो आपके परिवार का सदस्य हूं।”
शिवराज ने मुख्यमंत्री को 3 लाख 3 हजार 384 मकानों की स्वीकृति पत्र सौंपते हुए आश्वासन दिया कि अगले वित्तीय वर्ष में भी छत्तीसगढ़ को 3 लाख और मकानों की मंजूरी दी जाएगी।
इसके साथ ही, शिवराज ने मंच से एक महत्वपूर्ण विषय पर बात करते हुए देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने का संकल्प भी जनता को दिलाया। उनका संबोधन छत्तीसगढ़ की जनता के लिए विशेष रूप से उत्साहजनक और भावनात्मक रहा।