छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर से EOW दफ्तर में पूछताछ हो रही है। EOW और ACB ने एजाज ढेबर के करीबियों को भी बुलाया है। इससे पहले, 7 फरवरी को EOW ने नोटिस जारी कर एजाज को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था, लेकिन निगम चुनाव के कार्यों में व्यस्त होने का हवाला देते हुए उन्होंने समय मांगा था।
शराब घोटाले में पूर्व महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर को मास्टरमाइंड बताया गया है। अनवर पहले से ही रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। EOW और प्रवर्तन निदेशालय की टीम इस मामले की जांच कर रही है।
नई जानकारी के अनुसार, जांच के दौरान EOW को कुछ नए तथ्य मिले हैं, जिसके बाद एजाज ढेबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस दौरान चर्चा हो रही है कि एजाज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
एजाज ढेबर ने कहा कि उन्हें चुनाव को प्रभावित करने के लिए EOW-ED से नोटिस दिया गया था। उनका आरोप है कि इससे पहले भी पूछताछ की गई थी और उनके घर पर दबिश दी गई थी। चुनावों को प्रभावित करने के लिए यह सब किया जा रहा है।
दो साल पहले भी ED ने एजाज ढेबर से पूछताछ की थी और मार्च 2023 में उनके घर पर छापा मारा था। उस समय, एजाज से लगभग 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी। इस दौरान उनके समर्थक और बड़ी संख्या में महिलाएं ED दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गई थीं।
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है और वह रायपुर की जेल में बंद हैं। ED ने उन्हें शराब घोटाले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
4 फरवरी को लखमा ने EOW की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब बेचने के आरोप में यह कार्रवाई की गई है।
ED की जांच में पाया गया कि 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपये है। ED की ओर से दर्ज FIR की जांच ACB कर रही है।
शराब घोटाले में जांच के दौरान सामने आया कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य आरोपियों का एक अवैध शराब सिंडिकेट राज्य में काम कर रहा था। ED की जांच के मुताबिक, इस सिंडिकेट के जरिए हर महीने कमिशन लिया जाता था और सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।