रामायण और शिक्षा प्रणाली पर साझा किए अपने विचार, बताया जीवन के लिए प्रेरणा का स्रोत
रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम ‘हमारे राम’ के मंच पर बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा ने रामायण, रावण, और शिक्षा के महत्व पर गहन चर्चा की। उन्होंने रावण के किरदार से मिली सीखों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शत्रुता हमेशा एक योगी और सक्षम व्यक्ति के साथ करनी चाहिए।
रावण से क्या सीख सकते हैं?
आशुतोष राणा ने कहा, “रावण हमें यह सिखाता है कि शत्रुता हमेशा अपने से श्रेष्ठ व्यक्ति के साथ करनी चाहिए। आपका शत्रु जितना बड़ा होगा, आपकी ख्याति और गरिमा उतनी ही ऊंची होगी। शत्रु तिरस्कार का नहीं, बल्कि परिष्कार का विषय होता है।”
राणा ने इस बात पर जोर दिया कि रावण का किरदार वही निभा सकता है, जो भगवान श्री राम को अच्छे से समझे। उन्होंने कहा, “भगवान राम को शत्रु या मित्र भाव से याद करें, उनकी उपस्थिति आपको हमेशा प्रेरित करेगी।”
रामायण का सामाजिक और व्यक्तिगत महत्व
राणा ने रामायण को जीवन और समाज के लिए आवश्यक मार्गदर्शक बताते हुए कहा, “रामराज्य की कल्पना आज भी शासन की श्रेष्ठतम व्यवस्था मानी जाती है। भगवान राम का 360 डिग्री व्यक्तित्व समाज और जीवन के उत्थान के लिए बेहद प्रासंगिक है।”
शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत
शिक्षा पर अपने विचार साझा करते हुए राणा ने कहा, “साक्षरता और शिक्षा में बड़ा अंतर है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली परिणामों पर केंद्रित हो गई है। हमें बच्चों की संभावनाओं और गुणों को निखारने वाली शिक्षा प्रणाली अपनानी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में जीवन और संस्कृति के मूल्यों को शामिल करना चाहिए, लेकिन इसे जीविका से नहीं, बल्कि जीवन से जोड़कर देखा जाना चाहिए।
पढ़ने के लिए सुझाव
आज की पीढ़ी को संबोधित करते हुए राणा ने कहा, “साहित्यकार रामधारी सिंह दिनकर, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, और धर्मवीर भारती जैसे महान लेखकों को पढ़ना चाहिए। तुलसीदास की रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथ न केवल साहित्यिक रत्न हैं, बल्कि जीवन की गहरी समझ भी देते हैं।”
‘हमारे राम’ मंचन का सफर
राणा और उनकी टीम ने रामायण के अनछुए पहलुओं को प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह शो भारतीय संस्कृति, चित्र, और चरित्र को दर्शाता है। ‘हमारे राम’ का यह 151वां एपिसोड था, जिसमें रामायण के मूल्य और शिक्षाएं जीवन के हर पहलू से जोड़ी गईं।
निष्कर्ष: आशुतोष राणा का संदेश स्पष्ट था—रामायण और रावण केवल पौराणिक कथाएं नहीं हैं, बल्कि जीवन के लिए प्रेरणा और सीख का अटूट स्रोत हैं।