मौनी अमावस्या से एक दिन पहले महाकुंभ में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी। आज दोपहर 2 बजे तक 2.39 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक कुल 17.15 करोड़ भक्त गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
रातभर हुईं सुरक्षा बैठकें, जारी हाई अलर्ट
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी रात मंथन किया। सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ADG जोन भानु भास्कर और कमिश्नर ने आज सुबह एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इसमें DM, CRPF, ITBP, पुलिस, रेलवे सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। संगम क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
पार्किंग से संगम तक का सफर बना चुनौती
भीड़ की वजह से सड़कों और गलियों में भारी जाम लग गया है। श्रद्धालुओं को पार्किंग या रेलवे स्टेशन से संगम तक पहुंचने के लिए 15-20 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी।
भीड़ प्रबंधन में प्रशासन के सामने चुनौतियां
- जाम की स्थिति: संगम से 15 किमी तक का एरिया पूरी तरह जाम हो चुका है।
- लंबी पैदल दूरी: श्रद्धालु गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी पैदल तय कर रहे हैं।
- सुरक्षा पर नजर: पुलिस और अर्धसैनिक बल लगातार निगरानी कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं की अपार आस्था
इतनी कठिनाइयों के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। संगम में स्नान करने वाले भक्त इसे जीवन का सबसे पवित्र क्षण मान रहे हैं।
प्रशासन का अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और नियमों का पालन करने की अपील की है। साथ ही, भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और संसाधन तैनात किए गए हैं।
महाकुंभ के इस भव्य आयोजन में श्रद्धालुओं की आस्था और प्रशासन की चुनौती दोनों चरम पर हैं।