रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में बस्तर संभाग से आए अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित करते हुए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भकारों को मिट्टी के बर्तन और कलाकृतियों के निर्माण के लिए अच्छी मिट्टी उपलब्ध हो सके इसके लिए जहां इस समाज की आबादी है, वहां कुम्भकारों के लिए जमीन चिन्हित कर जमीन आरक्षित की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुम्भकार समाज के युवाओं को अपने परम्परागत व्यवसाय का प्रशिक्षण देने के लिए बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में ट्रेनिंग सेंटर प्रारंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के आग्रह पर इस वर्ग के छात्रों के लिए जिला और विकासखंड मुख्यालयों पर छात्रावास खोलने का प्रस्ताव अगामी बजट में शामिल करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में वर्तमान में संचालित छात्रावास-आश्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के सुझाव पर केबिनेट में विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में जिन स्थानों पर स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल प्रारंभ किए गए हैं, वहां दूर-दूर से आने वाले विद्यार्थियों की सुविधा के लिए हॉस्टल प्रारंभ किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के पात्र लोगों को जिन्हें वन अधिकार मान्यता पत्र अब तक नहीं मिले हैं, वे एसडीएम कार्यालय में निर्धारित प्रारूप में आवेदन करें। ऐसे लोगों को भी वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किए जाएंगे।मुख्यमंत्री ने समाज के लोगों को ऐसे लोगों की जिलेवार सूची उपलब्ध कराने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में अन्य पिछड़ा वर्ग के 1053 लोगों को वन अधिकार मान्यता पत्र दिए गए हैं, जो लोग छूट गए हैं उन्हें भी वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान गोबर से बिजली तैयार करने और धान से एथेनॉल तैयार करने की राज्य सरकार की भावी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोबर से बिजली तैयार करने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसकी तकनीक और लाभ का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रही महिलाओं की आय में और अधिक वृद्धि होगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से धान से एथेनॉल तैयार करने के लिए अनुमति मांगी गई है, लेकिन अब तक अनुमति नहीं दी गई है। राज्य सरकार ने धान से एथेनॉल तैयार करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश में एथेनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए 06 उद्योगों के साथ एमओयू भी किए चुके है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने भी इसके लिए एमओयू किया है। एक एथेनॉल प्लांट में एक साल में लगभग पांच लाख मीट्रिक टन धान की खपत होगी। इन प्लांटों के प्रारंभ होने से जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं किसानों को धान का अच्छा मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना सहित राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने समाज के लोगों से राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लिया और उनसे यह आग्रह किया कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिए प्रारंभ की गई योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए आगे आए।