भारत में HMPV (ह्यूमन मेटाप्नेमोवायरस) वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अब तक कुल 8 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 2 नए केस सामने आए, जिनमें एक 13 साल की लड़की और एक 7 साल का लड़का संक्रमित पाए गए। दोनों ही बच्चों को सर्दी और बुखार के लक्षण थे, लेकिन इलाज के बाद उनकी स्थिति अब कंट्रोल में है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।
इससे एक दिन पहले कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात में भी HMPV के कुल 6 मामले सामने आए थे, जिनमें सभी संक्रमित बच्चे थे।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस वायरस को सामान्य बताते हुए कहा कि इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
HMPV के लक्षण और खतरनाक असर
HMPV वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिख सकते हैं, जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत। यह खासतौर पर छोटे बच्चों, विशेष रूप से 2 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा असर डालता है।
अहमदाबाद में एक 2 महीने के बच्चे को सर्दी और तेज बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में यह वायरस पाया गया और शुरू में बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन अब उसकी स्थिति ठीक है।
क्या HMPV कोरोना जैसा है?
HMPV और कोरोना वायरस दोनों अलग-अलग परिवारों से संबंधित हैं, लेकिन दोनों वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं और इनके लक्षण एक जैसे होते हैं, जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस की तकलीफ। दोनों वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है। हालांकि, HMPV का वायरस कोविड की तरह तेजी से फैलने वाला नहीं है।
विशेषज्ञों की राय
CovidRxExchange के फाउंडर डॉ. शशांक हेडा ने इस वायरस को लेकर चिंता को बेबुनियाद बताया और कहा कि यह एक सामान्य वायरस है जो मौसमी रूप से फैलता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या का कारण केवल HMPV वायरस नहीं है, बल्कि कई अन्य वायरल संक्रमण भी हैं।
सरकार की तरफ से कदम
सरकार ने कहा है कि HMPV के मामलों पर निगरानी रखने के लिए ICMR और IDSP द्वारा मजबूत सिस्टम पहले से मौजूद है। इसके अलावा, सरकार ने एहतियात के तौर पर HMPV की टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है।
इस वायरस से घबराने की बजाय हमें इसे नियंत्रित करने के उपायों को समझना चाहिए और उचित सावधानियां बरतनी चाहिए।