धमतरी जिले के गंगरेल में स्थित रविशंकर जलाशय, जिसे गंगरेल बांध भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख बांधों में से एक है। यह बांध महानदी पर बना हुआ है और इसकी खूबसूरती हर किसी को आकर्षित करती है। इसी कारण, लाखों पर्यटक यहां की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं। महानदी, जो सिहावा पर्वत से निकलकर उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है, पर बने इस बांध को छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा बांध माना जाता है।
गंगरेल बांध के आस-पास दर्शनीय स्थलों की कमी नहीं है। यहां स्थित मां अंगारमोती का प्रसिद्ध मंदिर, बोटिंग की सुविधा, मिनी गोवा, और रंग-बिरंगे फूलों से सुसज्जित गार्डन पर्यटकों के दिल को छू लेते हैं। इसके अलावा, गंगरेल डेम के किनारे बने हट्स में ठहरकर बांध के नजदीक रहने और उसे 24 घंटे निहारने का अलग ही अनुभव मिलता है।
ग्राम छाती की निवासी डिगेश्वरी साहू ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ नियमित रूप से गंगरेल घूमने आती हैं। यहां का शांत वातावरण, अंगारमोती के दर्शन और बोटिंग से उन्हें बहुत अच्छा अनुभव होता है। वहीं, महासमुंद जिले से गंगरेल पहुंची कुमारी मोना साहू और उनके साथियों ने गंगरेल के शांतिपूर्ण वातावरण, विशाल नदी और मंदिर की भी काफी प्रशंसा की।