महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान के दिन सोमवार को संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, जबकि सरकार ने हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई। हेलिकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह 6.30 बजे से ही हुई, जब अखाड़ों का अमृत स्नान जारी था। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद नागा संन्यासियों, संतों और श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए।
महाकुंभ मेला क्षेत्र में पुष्प वर्षा की व्यवस्था योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने काफी पहले से की थी। इसके लिए विशेष रूप से गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की गई थी। महाकुंभ के सभी स्नान पर्वों पर पुष्प वर्षा कराने की तैयारी पहले से की गई थी।
प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा की गई। पहले स्नान पर्व, पौष पूर्णिमा और पहले अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति पर भी श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई गई थीं। इसी तरह, मौनी अमावस्या के दूसरे अमृत स्नान पर भी पुष्प वर्षा की गई थी।
अमृत स्नान के दौरान पुष्पवर्षा से नागा संन्यासी, साधु संत और श्रद्धालु सभी अभिभूत नजर आए। ‘हर हर महादेव’, ‘जय श्री राम’ और ‘गंगा मैया की जय’ जैसे जयकारों से पूरा त्रिवेणी क्षेत्र गूंज उठा। प्रयागराज के उद्यान विभाग ने अमृत स्नान के लिए 20 क्विंटल से अधिक गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया था, जबकि 5 क्विंटल फूल रिजर्व में भी रखे गए थे।