केंचुए अब मेरे घर के सदस्य : उर्वशी एवं संगीता…

रायपुर, 03 जून 2022 : सुराजी गांव योजना के अंतर्गत गीतपहर की रहने वाली उर्वशी जैन ने लगभग डेढ़ साल पहले गौठान के माध्यम से केंचुआ पालन का काम शुरू  किया था और आज सरस्वती महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से उर्वशी अब तक 1 लाख 37 हजार रूपए के 7 क्विंटल केंचुए बेच चुकी हैं मिट्टी में रहने वाले ये केंचुए महिलाओं के लिए आय का साधन बन गये है और ये संभव कर दिखाया है कांकेर के गीतपहर ग्राम पंचायत में रहने वाली महिलाओं ने.

अभी भी इनके पास नए गौठानों और किसानों की आपूर्ति के लिए पर्याप्त केंचुए हैं, इसके साथ ही वर्मी कंपोस्ट बेचकर 1 लाख 39 हजार रूपए का लाभ कमा चुकी हैं.

ये कहानी सिर्फ उर्वशी बस की ही नही है बल्कि जेपरा ग्राम की रहने वाली संगीता पटेल भी डेढ़ वर्षों में 90 हजार रूपए के 5 क्विंटल केंचुए बेच चुकी हैं और इन्हीं केंचुओं की मदद से 40 क्विंटल  वर्मी कंपोस्ट बेचकर 2 लाख रूपए का लाभ कमाया है.

उर्वशी और संगीता को शुरूआत में कृषि विभाग ने केंचुए उपलब्ध कराए थे, लेकिन इन दोनों ने केंचुओं की  इनकी संख्या बढ़ने के लिए बेहतर वातावरण तैयार किया और अब निजी व्यापारियों  के अलावा खुद कृषि विभाग भी इन केंचुओं को इनसे खरीद रहा है.  उर्वशी और संगीता कहती हैं कि पहले केंचुओं को देखकर डर लगता था, लेकिन अब तो ये घर के सदस्य हैं क्योंकि इनसे ही हमें आर्थिक रूप से मजबूती मिल रही है.

You may have missed