छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में तैनात छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स के कंपनी कमांडर (इंस्पेक्टर) अनिल सिंह गहरवाल ने रविवार शाम खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से सिर में गोली चलाई।
सहकर्मी से विवाद के बाद तनाव
बताया जा रहा है कि घटना से दो दिन पहले, 27 दिसंबर को, अनिल सिंह गहरवाल का एक सहकर्मी पुलिसकर्मी से विवाद हुआ था। दोनों के बीच मारपीट भी हुई थी, जिसके बाद अनिल ने राखी थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। थाना प्रभारी अजीत सिंह ने बताया कि शिकायत उनके संज्ञान में नहीं थी और यह थाने के स्टाफ को दी गई थी।
घटना का विवरण
मध्य प्रदेश के सतना के निवासी अनिल सिंह गहरवाल (46 वर्ष) पुलिस मुख्यालय में बटालियन के कंपनी कमांडर के रूप में तैनात थे। उन्होंने अपने बैरक में खुद को गोली मारी। गोली की आवाज सुनकर अन्य जवान मौके पर पहुंचे। पुलिस कैम्प में घटना के बाद हड़कंप मच गया।
फॉरेंसिक जांच और मौके की स्थिति
फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। दीवार और कमरे में खून के छींटे मिले। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसे पुलिस ने तोड़ा। रायपुर पुलिस के एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह भी मौके पर पहुंचे।
आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन से कंपनी कमांडर बने
अनिल सिंह ने कॉन्स्टेबल के रूप में पुलिस विभाग में सेवा शुरू की थी। नक्सल मोर्चे पर उनकी वीरता और लंबे समय की ड्यूटी के लिए उन्हें आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन दिया गया, जिससे वे कंपनी कमांडर बने।
परिवार में शोक
अनिल सिंह अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या आत्महत्या के पीछे विवाद और मानसिक तनाव ही मुख्य कारण थे।