रायपुर के गुरुद्वारा टाटीबंध में बैसाखी का पावन पर्व पूरे श्रद्धा और सेवा भाव के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर गुरुद्वारा परिसर में गुरु का लंगर अटूट रूप से वर्ताया गया, जिसमें बड़ी संख्या में संगत ने भाग लेकर प्रसाद ग्रहण किया।
इस पावन दिन पर विधायक श्री राजेश मूणत जी ने गुरुद्वारा पहुँचकर गुरु ग्रंथ साहिब के चरणों में मत्था टेका और आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने संगत से मुलाकात कर बैसाखी की शुभकामनाएँ दीं और सेवा में भी भाग लिया।
बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए, गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा जल का छिड़काव और छबील (ठंडे मीठे पानी की सेवा) का सुंदर प्रबंध किया गया। सेवादारों ने राहगीरों और संगत को शीतल जल पिलाकर मानव सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
गुरुबाणी के मधुर शब्दों, सेवा में डूबी संगत और लंगर की खुशबू ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिकता और अपनत्व से भर दिया।
इस अवसर पर विधायक राजेश मूणत ने कहा:
“गुरुद्वारा टाटीबंध की यह सेवा परंपरा और भाईचारे का भाव पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। बैसाखी का पर्व हमें यही सिखाता है — सेवा, समर्पण और समानता।”
वाहेगुरु जी की मेहर से भरा रहा ये दिन — लंगर, छबील और सिमरन का सुंदर संगम।
“वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह!”