राजा रघुवंशी हत्याकांड: शिलॉन्ग कोर्ट में सोनम की पेशी , भाई सचिन रघुवंशी ने मेघालय सरकार से मांगी माफी ,की न्याय की मांग

इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में उनके भाई सचिन रघुवंशी ने मेघालय सरकार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि सोनम रघुवंशी की वजह से मेघालय की छवि को नुकसान पहुंचा है, जिसके लिए वह क्षमा चाहते हैं। साथ ही उन्होंने मेघालय पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने केवल 17 दिन में इस जटिल हत्याकांड को सुलझा लिया, इसके लिए हम उनके आभारी हैं। सचिन का कहना है कि सोनम ने सिर्फ एक नहीं, बल्कि सात परिवारों को बर्बाद कर दिया है, और उसके परिवार के सभी सदस्यों से भी गहन पूछताछ होनी चाहिए। उन्होंने सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

वहीं, शिलॉन्ग पुलिस ने सभी आरोपियों को सदर थाने में रखा है, जहां सुरक्षा के लिए CRPF के जवानों को तैनात किया गया है। थाने के भीतर किसी को जाने की अनुमति नहीं है। केस की जांच के लिए बनी SIT टीम थाने पहुंच चुकी है और जल्द ही आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी, जिसके बाद पूछताछ शुरू होगी। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस आमना-सामना और सीन रीक्रिएशन की तैयारी में है। जांच में पता चला है कि राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी, और 21 मई को दोनों शिलॉन्ग पहुंचे थे। 23 मई को राजा ने परिवार से आखिरी बार बात की थी। इसके बाद 2 जून को उसका शव मिला। सोनम 17 दिन तक गायब रही और 9 जून को गाजीपुर में मिली, जिससे पूरे हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ।

पुलिस जांच में सामने आया कि सोनम 22 मई को ही शिलॉन्ग पहुंच गई थी और उसी दिन राजा को पहाड़ पर ले जाकर मारने का प्लान था। प्लान-ए के तहत सेल्फी के बहाने उसे खाई में धक्का देना था, लेकिन बारिश और अंधेरा होने के कारण योजना विफल हो गई। इसके बाद 23 मई को प्लान-बी के तहत राजा की हत्या की गई। हत्या के बाद सभी आरोपी क्राइम सीन से करीब 11 किलोमीटर दूर एक स्थान पर इकट्ठा हुए थे। इसके बाद सोनम शिलॉन्ग से सिलीगुड़ी होते हुए ट्रेन से इंदौर पहुंची और वहां एक किराए के कमरे में रुकी। फिर वह वाराणसी और गाजीपुर पहुंची, जहां से उसे पकड़ा गया।

इस दिल दहला देने वाले मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह घटना अत्यंत पीड़ादायक है और इससे कई सबक लिए जाने चाहिए। विवाह दो परिवारों का जुड़ाव होता है, इसलिए हर निर्णय सोच-समझकर लेना चाहिए और बच्चों को इतनी दूर भेजने से पहले गहराई से विचार करना चाहिए। वहीं, सदर थाने के बाहर खड़ी एक महिला ने भावुक होकर कहा कि एक लड़की होकर ऐसा करना बेहद दुखद है, हम सब स्तब्ध और आहत हैं।

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