नई दिल्ली 09 मई 2022 : युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख खिलाडयों में से एक है इन्होने कई मैचों में जीत दिलाई है। यहां तक साल 2007 के टी 20 और साल 2011 के वर्ल्डकप में बहुत बड़ा योगदान है। जिसकी वजह से ही टीम इण्डिया दो बार विश्व चैंपियन बन पाई थी। युवराज सिंह का एक बड़ा बयान सामने आ रहा है, जिसमे उन्होंने उस समय खुद को कप्तान न बनाये जाने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दिया है।
साल 2007 के टी 20 वर्ल्डकप के समय राहुल द्रविड़ और अन्य सीनियर खिलाडियों ने इस टूर्नामेंट से बाहर होने का फैसला ले लिया था, जिसके बाद युवराज सिंह ही टीम इण्डिया के सबसे सीनियर खिलाड़ी बचे थे। ऐसे में युवराज को भी लग रहा था की अब 2007 के टी 20 वर्ल्डकप में उन्हें कप्तान बनाया जायेगा।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चयनकर्ताओ ने कप्तान के रूप में धोनी का नाम घोषित कर दिया। जिसके बाद युवराज सिंह भी शॉक्ड रह गये थे। जबकि उस समय युवराज टीम इण्डिया के उपकप्तान थे, और कप्तान बनने के प्रबल दावेदार भी थे। युवराज सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए अपने एक इंटरव्यू में बताया की..
उस समय मुझे कप्तान बनाया जाना था, लेकिन तभी ग्रेग चैपल वाली घटना हो गई, जिसके बाद हमें सचिन और चैपल में से किसी एक को चुनना था। तब मैंने अपने साथी को चुना। और तब ये बात BCCI के कुछ अधिकारीयों को चुभ गई। जिसके बाद सेलेक्टर्स ने किसी को भी कप्तान बनाना सही समझा, लेकिन मुझे कप्तान नहीं बनाया ।
युवराज ने आगे बताया की उस समय वीरेंद्र सहवाग भी सीनियर खिलाड़ी थे, तब एक इंग्लैंड दौरे पर कप्तान रविन्द्र जडेजा और उपकप्तान मैं था। इसलिए मैं ही कप्तान बनने का दावेदार था। फिर भी ये फैसला मेरे खिलाफ गया। लेकिन मुझे अब भी कप्तान न बनने का कोई अफ़सोस नहीं है।