भिलाई: सऊदी अरब में काम करने गए भिलाई सेक्टर-7 निवासी मोहम्मद शेहजाद खान की मौत हो गई। शेहजाद सऊदी के रेगिस्तान रुब-अल खाली में फंस गया था। उसके जीपीएस ने काम करना बंद कर दिया था। तीन दिन तक रेगिस्तान में भटकता रहा। उसे भोजन पानी नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई। चार दिन पहले उसका शव हैदराबाद लाया गया। जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया। जहां उसकी मौत हुई उसे दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक कहा जाता है।
सेक्टर-7 निवासी बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष अनवर सैयद अली ने बताया कि शेहजाद उनका भांजा है। उसके पिता बीएसपी में नौकरी करते थे।
जीपीएस डिवाइस ने दिया धोखा
शेहजाद चार साल से सऊदी अरब की एक टेली-कम्युनिकेशन कंपनी में सर्वेयर था। कंपनी ने उसे सर्वे के लिए भेजा था। वह गाड़ी में एक साथी के साथ निकला था। वह सुडान के रास्ते से गुजर रहा था। रास्ते में उनका जीपीएस सिग्नल फेल हो गया। वह रेगिस्तान रुब-अल खाली में भटक गया। तीन दिनों तक रास्ता खोजता रहा, लेकिन इसके कुछ समय बाद उनकी गाड़ी में तेल और फोन की बैटरी भी खत्म हो गई, जिस वजह से वे किसी से मदद नहीं मांग पाए। तीन दिन तक शेहजाद और उसका दोस्त रेगिस्तान की चिलचिलाती गर्मी में बिना पानी, खाने के फंसे रहे। भूखे-प्यास रहने की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई और दोनों की मौत हो गई।
हेलीकॉप्टर से तीन दिन खोजने के बाद नजर आई गाड़ी
अनवर सैयद अली ने बताया कि जब वह कंपनी नहीं लौटा तो उसकी खोजबीन शुरू की गई। पहले दो जहाज से उसे ढूंढा गया, लेकिन नहीं मिला। फिर चार जहाज लगाए गए। 22 अगस्त को उसकी गाड़ी दिखाई दी। जब गाड़ी के पास गए तो शेहजाद का शव मिला। दूसरा युवक 150 मीटर दूर मृत मिला। दोनों के शव को लाया गया। शेहजाद के शव को भारत भेजा गया। हैदराबाद में उसके पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
दो बच्चों का पिता था शेहजाद
रुंधे गले से अनवर ने बताया कि शेहजाद की पत्नी व दो बच्चे हैं। वह अपने छोटे बच्चे को देख भी नहीं पाया। शेहजाद पढऩे में होशियार था। सिविल में डिप्लोमा कर सउदी निकल गया। इस घटना से पूरे परिवार में शोक की लहर है।