रायपुर। बच्चों में होने वाले अनुवांशिक रोग ऑप्टिज्म और सेरेब्रल पाल्सी की पहचान और उसके निदान की जरूरी जानकारी रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के पॉडकास्ट शो “टॉक फॉर रायपुर“ में दी गई है। शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की डिमॉस्ट्रेटर डॉ. चानन गोयल ने लगभग 25 मिनट के इस साक्षात्कार में राजधानी रायपुर में उपलब्ध सेवाओं और राज्य सरकार द्वारा अपने शासकीय अस्पतालों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रहें सभी सुविधाओं पर विस्तार से बात की है। यह पॉडकास्ट नगर निगम सुविधाओं से जुड़ें “मोर रायपुर एप्प“ के माध्यम से सोशल मीडिया के सभी हैंडल्स पर उपलब्ध हैं।
डॉ. गोयल ने इस महत्वपूर्ण विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि यदि बच्चा जन्म के बाद चार महीने में गर्दन न संभाल पाना, नौ महीने में बैठ न पाना, बारह महीने में खडे़ न हो पाना और अठारह महीने में चल न पाना ये सब गतिविधियां नहीं कर रहा है या बच्चों से घुलने-मिलने की बजाय एकांत में रहना पसंद कर रहा हो, शब्दों के उच्चारण में तकलीफ़ हो और शब्द दोहराने में उसकी रूचि ज्यादा हो, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए। उनका मानना है कि पोषण के अभाव, सिर पर चोट लगने से भी ऐसे लक्षण बच्चों में देखे जाते है। टॉक फॉर रायपुर शो को रायपुर स्मार्ट सिटी लि. के महाप्रबंधक आशीष मिश्रा होस्ट कर रहे है और इसका प्रसारण मोर रायपुर एप्प में किया जाता है। इस पॉडकास्ट के 08 एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं, जो मोर रायपुर एप्प के साथ ही रायपुर स्मार्ट सिटी लि. के यू-ट्यूब चैनल, फेसबुक पर भी उपलब्ध है।
डॉ. गोयल बताती है कि फिजियोथेरेपी से उपचार बहुत आसान हो चुका है, किन्तु जरूरत इस बात की होती है कि बच्चों में आ रही समस्या की पहचान जल्दी हो। गोयल तीन हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल शिक्षिकाओं को रोग संबंधी प्रशिक्षण दे चुकी हैं। इस इंटरव्यू में वह यह भी बता रही है कि शासकीय चिकित्सालयों में संपर्क कर ऐसे बच्चों को बीमारी से छुटकारा दिलाया जा सकता है, किन्तु जरूरत इस बात की है कि न केवल अभिभावक, बल्कि शिक्षक और समाज भी बालपन में होने वाली ऐसी बीमारियों के लिए पूरी तरह से सजग रहे और उपचार तत्काल शुरू कराएं।