रायपुर – प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निरंतर प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। इसी कड़ी में पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के आंकोसर्जरी (कैंसर सर्जरी) विभाग ने पेट की झिल्ली के कैंसर (पेरिटोनियम कैंसर) का इलाज पाइपेक (PIPAC) पद्धति से किया है। यह संभवतः मध्य भारत के किसी भी शासकीय कैंसर अस्पताल में इस पद्धति से पहला इलाज था।
पाइपेक पद्धति एक अत्याधुनिक उपचार विधि है जिसमें कीमोथेरेपी को दबाव के साथ पेट की झिल्ली में पहुंचाया जाता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं का फैलाव रोकने में मदद मिलती है। डॉ. आशुतोष गुप्ता के नेतृत्व में यह उपचार प्रक्रिया लेप्रोस्कोपिक विधि से की गई, जिसमें कीमोथेरेपी को एरोसोल के रूप में दिया जाता है।
यह तकनीक विशेष रूप से कोलोरेक्टल कैंसर, ओवेरियन कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर जैसे गंभीर मामलों में प्रभावी साबित हो रही है। ओडिशा की 54 वर्षीय महिला मरीज को उपचार के पांच दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, और अब वह नियमित फॉलोअप के लिए अस्पताल आ रही हैं।
अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने डॉक्टरों की टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह नयी तकनीक न केवल कैंसर के इलाज में सहायक है, बल्कि मरीजों की जीवनशैली पर भी सकारात्मक असर डाल रही है।