उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल पूरे 12 साल बाद कुंभ का महा आयोजन होने जा रहा है लेकिन इस बार संतो ने मांग उठाई कि कुंभ के मेले में मुसलमानों की एंट्री बैन कर दी जाए| इसको लेकर टीवी9 भारतवर्ष के फाइव संपादक शो में आए देवकीनंदन ठाकुर से बात की गई| उन्होंने इस पर जवाब दिया कि कुंभ के मेले में मुसलमानों की एंट्री पर बैन लगाना जरूरी क्यों था|
देवकीनंदन ठाकुर से पूछा गया कि कुंभ के मेले में मुसलमानों की एंट्री 50 किलोमीटर दूर से बंद हो जाएगी क्या ये फैसला जरूरी था? उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जैसे दृष्य हमारे सामने आए हैं| इसमें कोई संशय नहीं है, जिस तरह की वीडियो सामने आई हैं| अगर उनके(मुसलमान) धर्म के लोग भी उन वीडियो को देख लें, तो उनके साथ व्यवहार रखना पसंद नहीं करेंगे | अगर वाकई अच्छे लोग होंगे|
उन्होंने आगे कहा, “कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ये कहते हैं कि ये थूक नहीं रहे हैं| अपनी प्रार्थना कर रहे हैं |मैं इस विषय में नहीं जानता लेकिन एक मौलवी जी ने कह रहे थे कि ऐसा उनके धर्म में है कि वो थूक कर ही सबको खिलाते पिलाते हैं| जब उनसे पूछा गया कि कार्यक्रम में बहुत सारे कामों के लिए मुसलमान कारीगर होते हैं, जो अपने सेवा देते हैं तो क्या सबकी एंट्री बंद हो जाएगी| इस पर उन्होंने कहा कि वह (मुसलमान) अपने काम में सेवा दें| हमारे में न दें|”
इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “जब मैं ये वस्त्र पहनता हूं, इसकी भी विधि है| किसने सिला है इससे मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जब पहनता हूं, तो विधि के साथ पहनता हूं| दूसरी बात कुंभ कोई मेला नहीं है| कुंभ धर्म से जुड़ा हुआ शब्द है| कुंभ कोई मेला नहीं है कि इकट्ठे हुए और कर लिया| वो धर्माचार्य का विषय है| उसमें पवित्रता का ध्यान रखा जाता है, जिन लोगों को मूर्ति पूजा में कोई श्रद्धा ही नहीं है और वो उस जगह से पैसा कमाते हैं, तो मौलवी से पूछना चाहिए कि वह पैसा हलाल होगा या हराम होगा?”