महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर शिवसेना उद्धव गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे निराश नजर आए। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे पूरी तरह से अप्रत्याशित और समझ से परे हैं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि जिस महाराष्ट्र ने कोविड के दौरान परिवार के मुखिया की तरह मेरी बात सुनी थी, वह मेरे साथ इस तरह का व्यवहार करेगा। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे अपनी जगह हैं, लेकिन हम महाराष्ट्र के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। उद्धव ने कहा कि भाजपा के बटेंगे तो कटेंगे नारे ने कोई काम नहीं किया। कुछ चीजें धर्म निरपेक्ष होती हैं, जैसे बेरोजगारी और महंगाई। हर कोई इनसे प्रभावित होता है। इसलिए यह नारा कारगर नहीं हुआ। हम चुनाव परिणाम की समीक्षा करेंगे। हार के कारणों पर मंथन करेंगे।
पिछली बार शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं। इस बार शिवसेना के दोनों धड़ों को मिला दें तो सीटों की संख्या 70 के पार हो जाती है। दोनों ही धड़ों को मिले मत प्रतिशत को देखें तो भी इन्हें करीब 23% वोट मिले हैं, जो पिछली बार के 16% वोटों से ज्यादा है। सीधे तौर पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी का सफलता प्रतिशत बेहतर रहा। शिवसेना के सत्तारूढ़ धड़े ने इस बार 81 सीटों पर चुनाव लड़ा और वह 57 सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है।