छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के तहत आज मतदान हो रहा है। मतदान प्रक्रिया सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है और शाम पांच बजे तक जारी रहेगी। रायपुर में महापौर पद के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है। बीजेपी ने मीनल चौबे को महापौर पद के लिए उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने दीप्ति दुबे को चुनावी मैदान में उतारा है। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।
मीनल चौबे का सियासी सफर
बीजेपी की उम्मीदवार मीनल चौबे की गिनती तेजतर्रार महिला नेता के रूप में होती है। वे तीन बार रायपुर नगर निगम की पार्षद रह चुकी हैं और वर्तमान में नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और सीनियर पार्षद हैं। मीनल चौबे की दावेदारी महापौर पद के लिए पहले से मजबूत मानी जा रही थी। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति में कदम रखा और भाजपा महिला मोर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया। पिछले दो दशकों से राजनीति में सक्रिय मीनल ने बीजेपी जिला की कमान संभालने से लेकर प्रदेश पदाधिकारी का दायित्व भी निभाया है। वे हर चुनाव में अपने वार्ड से बीजेपी को बड़े अंतर से जीत दिलाने में सफल रही हैं।
दीप्ति दुबे की पहली चुनावी चुनौती
कांग्रेस ने इस चुनाव में दीप्ति दुबे को महापौर पद का प्रत्याशी बनाया है। दीप्ति दुबे पहली बार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन वे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रही हैं। वे 2014 से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय हैं और महिलाओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी वे सक्रिय रही हैं। दीप्ति दुबे मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में काम कर रही हैं और वे एक मेंटल हेल्थ क्लीनिक की संचालिका भी हैं। उन्होंने मास्टर्स इन साइकोलॉजी के साथ-साथ एमए हिंदी साहित्य की पढ़ाई की है और वर्तमान में पीएचडी कर रही हैं।
दीप्ति दुबे, वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे की पत्नी हैं और उनके पति ने रायपुर में एक अलग पहचान बनाई है। इस पहचान और उनके पति के कामों का लाभ दीप्ति को मिल सकता है।
सियासी समीकरण
रायपुर शहर की चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, और राज्य में सत्तासीन बीजेपी रायपुर नगर निगम सीट जीतने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। ऐसे में कांग्रेस की उम्मीदवार दीप्ति दुबे के लिए राह आसान नहीं है, हालांकि प्रमोद दुबे की छवि और उनके द्वारा किए गए कामों का फायदा दीप्ति को मिल सकता है।