यूनियन हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री के मुताबिक, भारत में 2024 में हीट स्ट्रोक से 360 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ‘हीट वॉच’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 40,000 से ज्यादा हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए और 733 मौतें हुई हैं। यानी ज़मीनी आंकड़े सरकारी आंकड़ों से करीब दोगुने हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि देश में अगले 10 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ सकती है। कई शहरों में तापमान पहले ही 40°C तक पहुंच चुका है, जबकि 20 से ज़्यादा शहरों में ये 42°C के पार है।
जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, हीट स्ट्रोक यानी लू का खतरा भी बढ़ जाता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी होती है जो जानलेवा साबित हो सकती है। आइए जानते हैं—
क्या होता है हीट स्ट्रोक?
जब बाहरी तापमान इतना बढ़ जाता है कि शरीर खुद को ठंडा नहीं रख पाता, तब शरीर का तापमान भी असामान्य रूप से बढ़ जाता है। यही स्थिति हीट स्ट्रोक कहलाती है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
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शरीर में तेज़ गर्मी और जलन
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मतली, उल्टी
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चक्कर, बेहोशी और कमजोरी
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मानसिक भ्रम या उलझन
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बहुत तेज़ या धीमी सांसें
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त्वचा का लाल होना या सूखापन
क्या हो सकते हैं कॉम्प्लिकेशन?
अगर समय पर इलाज न मिले तो हीट स्ट्रोक से ये समस्याएं हो सकती हैं:
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ऑर्गन डैमेज: हार्ट, लिवर और किडनी पर असर
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हार्ट अटैक या फेल्योर: ब्लड फ्लो में बाधा
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ब्रेन डैमेज: मेमोरी लॉस, भ्रम और स्ट्रोक का खतरा
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किडनी और लिवर फेल्योर
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सांस की दिक्कतें और फेफड़ों पर असर
हीट स्ट्रोक का फर्स्ट एड और इलाज
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पीड़ित को तुरंत ठंडी और छायादार जगह पर ले जाएं
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कपड़े ढीले करें और शरीर पर ठंडा पानी डालें या ठंडी पट्टियां रखें
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बर्फ का पैक गर्दन, बगल या जांघ पर लगाएं
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तुरंत मेडिकल हेल्प लें — हीट स्ट्रोक एमरजेंसी है
कैसे बचें हीट स्ट्रोक से?
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घर ठंडा रखें: एसी या कूलर का इस्तेमाल करें
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ठंडी जगहों पर जाएं: जैसे मॉल, लाइब्रेरी या रिश्तेदारों का ठंडा घर
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हाइड्रेटेड रहें: खूब पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (ORS) लें
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दोपहर में बाहर जाने से बचें: सुबह या शाम को ही एक्टिविटी करें
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शरीर को गर्मी के लिए तैयार करें: धीरे-धीरे गर्मी में काम करने की आदत डालें