छत्तीसगढ़ में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक नई पहल शुरू की जा रही है, जिसके तहत पेट्रोल पंपों पर वाहनों की प्रदूषण जांच (पीयूसी) सेंटर स्थापित किए जाएंगे। पेट्रोलियम कंपनियों ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है, जिससे वाहन चालकों को पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी होगी और उन्हें विभिन्न केंद्रों की तलाश में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस पहल से राज्य में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 4 फरवरी 2025 को परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 7 फरवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और रिलायंस इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
इस बैठक में पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने पर सहमति जताई। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिया गया है, ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।