नोएडा एयरपोर्ट बनारस-हरिद्वार के घाटों जैसा दिखेगा: एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का 85% काम पूरा, लेकिन फ्लाइट ट्रायल में देरी।

यूपी के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का लगभग 85% काम पूरा हो चुका है। हालांकि, यहां फ्लाइट ट्रायल जो 30 नवंबर से शुरू होने थे, अब दिसंबर में होंगे, लेकिन तारीख अभी तय नहीं की गई है। एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ट्रायल मौसम की स्थिति पर निर्भर करेंगे, क्योंकि यहां अभी धुंध बहुत है।

एयरपोर्ट के उद्घाटन की योजना 17 अप्रैल, जो नोएडा का स्थापना दिवस है, को निर्धारित की गई है, लेकिन यदि काम में कोई देरी होती है, तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इस एयरपोर्ट का डिज़ाइन विशेष रूप से आकर्षक होगा, जिसमें बनारस और हरिद्वार के घाटों जैसा लुक दिया जाएगा। टर्मिनल का केंद्रीय हिस्सा हवेली के आंगन जैसा होगा, जबकि ऊपर का हिस्सा नदी के बहाव जैसी सफेद डिज़ाइन से ढका जाएगा, जिससे प्राकृतिक रोशनी अंदर आ सके। एयरपोर्ट में ग्रीन एनर्जी का उपयोग बढ़ाने के लिए सोलर पैनल और विंड पावर सिस्टम लगाए जा रहे हैं, और यहां 50% से ज्यादा रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग किया जाएगा।

एयरपोर्ट के टर्मिनल से एयरक्राफ्ट पार्किंग तक पहुंचने के लिए लिंक का निर्माण किया जा रहा है, और पार्किंग कनेक्टिविटी का काम भी जारी है, जिसे अगले एक से दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। नोएडा एयरपोर्ट से 70 किमी के दायरे में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, अलीगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली का IGI एयरपोर्ट है, और आगरा यहां से 130 किमी दूर है। शुरूआत के पांच साल तक एयरपोर्ट की सड़क कनेक्टिविटी पर जोर दिया जाएगा, इसके लिए एयरपोर्ट से आस-पास के शहरों तक 80 बसें चलाई जाएंगी। पहली उड़ान के साथ ही ये बसें चलनी शुरू हो जाएंगी, जिससे पश्चिमी यूपी के शहर जैसे मेरठ, मथुरा, आगरा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ और दिल्ली तक एयरपोर्ट पहुंचने की सुविधा होगी। यह सेवा उत्तर प्रदेश रोडवेज द्वारा संचालित की जाएगी।

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