ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी सरकार का बड़ा कदम: रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की तैयारी

नई दिल्ली: पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने वाले ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार अब रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार रक्षा क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित करने का प्रस्ताव ला सकती है। यह प्रस्ताव संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
सशस्त्र बलों की प्राथमिक जरूरतों पर होगा खर्च
इस अतिरिक्त बजट का इस्तेमाल नई हथियार प्रणालियों, गोला-बारूद, अत्याधुनिक तकनीकों की खरीद और अनुसंधान एवं विकास (R&D) के क्षेत्र में किया जाएगा। इसका उद्देश्य तीनों सेनाओं – थल, जल और वायु – की युद्धक क्षमताओं को और बढ़ाना है।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा रक्षा बजट
वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में पहले ही 6.81 लाख करोड़ रुपये रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित किए गए हैं, जो 2023-24 के मुकाबले 9.53% अधिक है। मौजूदा एनडीए सरकार के पिछले दस वर्षों में यह बजट लगभग तीन गुना बढ़ चुका है।
2014-15 में रक्षा बजट 2.29 लाख करोड़ रुपये था, जो अब कुल बजट का 13.45% हो गया है।
ऑपरेशन सिंदूर: मेड-इन-इंडिया का शक्ति प्रदर्शन
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया। इस दौरान भारत की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम ने दुश्मन के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया। इसमें रूसी S-400, बराक-8 और स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली शामिल थीं। इसके अलावा पेचोरा, ओसा-AK और LLAD गन सिस्टम जैसे घातक हथियार भी तैनात किए गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को अपने संबोधन में कहा,
“इस ऑपरेशन के दौरान हमारे मेड-इन-इंडिया हथियारों की विश्वसनीयता पूरी दुनिया ने देखी। अब दुनिया यह मान रही है कि 21वीं सदी के युद्ध में मेड-इन-इंडिया रक्षा उपकरणों का युग आ चुका है।”
भारत की इस रणनीति और आत्मनिर्भर रक्षा ताकत ने न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को संदेश दे दिया है कि भारत अब पूरी तरह तैयार है – तकनीक, आत्मनिर्भरता और ताकत के साथ।

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