रायपुर : नर्सिंग के विभिन्न कोर्स में प्रवेश की आखिरी तारीख 30 सितंबर है, लेकिन प्रदेश में व्यापमं के एंट्रेंस टेस्ट में देरी के कारण काउंसलिंग भी देरी से शुरू हो रही है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल आईएनसी ने फरवरी में बता दिया था कि नर्सिंग कोर्स में प्रवेश की आखिरी तारीख 30 सितंबर होगी। वहीं, नया सेशन 1 अगस्त से शुरू होना था। इसके बावजूद शासन तय समय पर इंट्रेंस एग्जाम नहीं करवा पाया।
नर्सिंग के विभिन्न कोर्स के लिए इंट्रेंस एग्जाम अप्रैल में शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार बीएससी नर्सिंग के लिए प्री टेस्ट 11 जुलाई को हुआ। पिछले शनिवार यानी 31 अगस्त को रिजल्ट आया। इसके सप्ताहभर बाद ही डीएमई कार्यालय ने शुक्रवार को नर्सिंग के विभिन्न कोर्स में प्रवेश के लिए काउंसलिंग का शेड्यूल भी जारी कर दिया। यही तत्परता व्यापमं दिखाता तो इंट्रेंस एग्जाम में देरी नहीं होती और तय शेड्यूल में नया सेशन शुरू होता।
अब नए सेशन से लेकर एडमिशन में काफी देरी होने जा रहा है। हालांकि एनएमसी की किसी गाइडलाइन खासकर काउंसलिंग की निर्धारित तारीख का कोई पालन नहीं होता। अभी 30 सितंबर एडमिशन की आखिरी तारीख है। आईएनसी के ट्रेंड को देखते हुए लगता है कि खाली सीटें रहने पर पिछले सत्र की तरह इस साल भी 29 फरवरी तक एडमिशन दिया जा सकता है। आईएनसी निर्धारित शेड्यूल पर कभी सती नहीं करता।
निजी कॉलेजों के रहते एडमिशन की आखिरी तारीख बढ़नी तय है, क्योंकि खाली सीटों के साथ नया सेशन शुरू नहीं किया जा सकता। यही नहीं खाली सीटों के कारण निजी कॉलेजों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसलिए जब तक सीट भर न जाए, एडमिशन की आखिरी तारीख बढ़ाने की मांग किए जाने की संभावना है। आईएनसी भी आखिरी तारीख बढ़ाती रहेगी। छात्र 7 से 12 सितंबर तक ऑनलाइन पंजीयन करेंगे।
प्रदेश में बीएससी की 7216 सीटें हैं। हालांकि 13 कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलने के कारण 700 सीटें कम हो गई हैं। जबकि एमएससी में 600 समेत पोस्ट बेसिक बीएससी में 10 हजार से ज्यादा सीटें हैं। यही कारण है कि हर बार निजी कॉलेजों की मांग पर तारीख बढ़ जाती है। पिछले साल 30 नवंबर के अचानक ढाई माह बाद 29 फरवरी तक एडमिशन देने का आदेश आया था।