बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद पत्रकारों में गहरा आक्रोश फैल गया है। मुकेश का पहले गला घोंटा गया और फिर सिर पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिससे उनके सिर पर गहरे घाव हो गए। हत्या के बाद मुकेश की लाश को बैडमिंटन कोर्ट के सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया था, जिसे 4 इंच कंक्रीट से पैक कर दिया गया था।
इस हत्याकांड के विरोध में पत्रकारों ने बीजापुर नेशनल हाइवे-63 पर चक्काजाम कर दिया, जो करीब 4 घंटे तक जारी रहा। पुलिस ने मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 3 अन्य को हिरासत में लिया है। इस हत्या में मुकेश के रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर पर भी संदेह है।
क्या है पूरा मामला?
1 जनवरी 2025 को मुकेश चंद्राकर अचानक लापता हो गए थे। उनके भाई युकेश चंद्राकर ने अगले दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मुकेश के फोन की लोकेशन ट्रेस की, और CCTV फुटेज में देखा गया कि वह आखिरी बार टी-शर्ट और शॉर्ट्स में दिखाई दिए थे। उनकी आखिरी लोकेशन बीजापुर जिले के चट्टानपारा में पाई गई।
मुकेश के रिश्तेदार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उनके भाई रितेश चंद्राकर का बैडमिंटन कोर्ट परिसर पुलिस के ध्यान में आया, जिसके बाद पुलिस ने इस इलाके में सघन जांच की।
सुरेश चंद्राकर पर संदेह
पुलिस का कहना है कि मुकेश ने हाल ही में 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना के खस्ताहाल पर खबर बनाई थी, जो सुरेश चंद्राकर के ठेकेदार कार्यक्षेत्र में आती थी। इस विवाद के बाद से दोनों के बीच तनाव बढ़ा था।
मुख्यमंत्री का बयान
सीएम विष्णुदेव साय ने मुकेश चंद्राकर की हत्या पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना पत्रकारिता और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने का आश्वासन दिया और पुलिस को शीघ्र गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।