उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में आग लगने से कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 16 अन्य घायल हो गए और जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की एन आई सी यू में शुक्रवार रात करीब 10.45 बजे आग लग गई, संभवतः बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। सेना को भी बुला लिया। रास्ता नहीं मिलने पर नवजातों को खिड़की के कांच तोड़कर बाहर निकाला गया। नवजातों को बचाने के लिए परिजन के बीच अफरातफरी मच गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) झांसी सुधा सिंह ने कहा कि इस घटना में घायल हुए अन्य 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। घटना के वक्त एनआईसीयू में 50 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे। झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि एक फायर ब्रिगेड को घटनास्थल पर भेजा गया जबकि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इस घटना के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया है।
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे में शिकार नवजातों के परिजनों को शासन द्वारा पांच-पांच लाख रुपयों की सहायता की घोषणा की गई है। घायलों के परिजनों को पचास-पचास हजार की सहायाता मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर गहरा दुःख जताया है। शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने रातों-रात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है।