आज के दौर में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, लेकिन यह कहावत अब पुरानी हो चुकी है। अब कई पुरुष भी जेंडर चेंज सर्जरी कर महिलाओं में बदल रहे हैं। रायपुर के विशेषज्ञ सर्जन ने ऐसी 120 सर्जरी कर डाली हैं।
जेंडर डिस्फोरिया की वजह से होती है यह चाहत
डॉक्टरों के अनुसार, जेंडर डिस्फोरिया के कारण कुछ लड़के लड़कियों में बदलने की चाहत रखते हैं। यह एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति खुद को मानसिक रूप से महिला मानता है। अगर उसे महिला के रूप में रहने का मौका न मिले तो यह उसकी मानसिक घुटन का कारण बनता है।
इसे इस प्रकार समझ सकते हैं, मान लीजिए एक सामान्य लड़के से अगर उसे जबरन लड़की की तरह रहने को कहा जाए, तो वह कैसा महसूस करेगा? यही स्थिति जेंडर डिस्फोरिया में लड़के की होती है, जो शारीरिक रूप से पुरुष होता है, लेकिन मानसिक रूप से महिला होता है। ऐसे में इस व्यक्ति को सेक्स चेंज की जरूरत होती है।
15 से 20 लाख खर्च, छत्तीसगढ़ में 3 लाख में उपचार
डॉक्टर कालड़ा के अनुसार, इस ऑपरेशन का खर्च अन्य राज्यों और विदेशों में लगभग 15 से 20 लाख होता है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह सिर्फ 3 लाख में किया जा सकता है, जिसमें केवल दवाइयों का शुल्क शामिल होता है। कम खर्च के कारण बिहार, कलकत्ता, ओडिशा, दिल्ली, मुंबई और दुबई से भी मरीज उनके पास इलाज के लिए आते हैं।
रायपुर की रानी: एक नया जीवन
रायपुर की रानी (बदला हुआ नाम) जन्म से महिला नहीं थी, लेकिन अब वह अपनी महिला पहचान पर गर्व करती है। रानी को बचपन से ही पता चल गया था कि वह ट्रांसजेंडर है। उसने अपने परिवार से इस बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थे। बालिग होने के बाद रानी ने डॉक्टरों से काउंसलिंग की और सर्जरी करवाई। आज रानी रायपुर के एक प्रसिद्ध ब्यूटी सैलून की मालिक है। उसने कई ट्रांसजेंडरों को काम पर रखा है और उन्हें भी एक नई जिंदगी जीने का मौका दिया है। हाल ही में रानी और उसके पार्टनर ने सेरोगेसी से एक बच्चा भी अपनाया है।
सर्जरी कराने वालों का बढ़ता सोशल एडॉप्शन
पहले सेक्स चेंज सर्जरी कराने वालों को हीन भावना से देखा जाता था, लेकिन अब समाज में इसका स्वीकार्यता बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ में अब सरकारी विभागों में भी इन लोगों को नौकरी मिल रही है, जो कि एडॉप्शन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।