छत्तीसगढ़ में मंगलवार को HMPV वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वायरस के मामलों की स्थिति पर चर्चा की गई। साथ ही, प्रदेश में जांच की प्रक्रिया और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की रिपोर्ट भी ली गई।
अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि स्वास्थ्य विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि HMPV वायरस से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है और वर्तमान में प्रदेश में कोई इमरजेंसी स्थिति नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कुछ लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जो पहले भी सामने आ चुका था।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों की एक टीम इस वायरस की निगरानी कर रही है और इसके लक्षणों तथा प्रभाव के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद से विभाग किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मंत्री ने कहा कि यह वायरस पहले भी रिपोर्ट हो चुका है और इससे घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। उन्होंने आम जनता से स्वच्छता पर जोर देने की अपील की और कहा कि विभाग की पूरी कोशिश इस वायरस को रोकने के साथ-साथ जनता को जागरूक करने की है।
विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV वायरस से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे भीड़-भाड़ वाली जगह से बचना, सर्दी-खांसी या बुखार वाले व्यक्तियों से संपर्क न करना, और लक्षण दिखने पर तत्काल स्थानीय अस्पताल में जांच कराना। इसके अलावा, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल से ढकने, हाथों को साबुन और सैनेटाइजर से बार-बार धोने, और बीमार होने पर घर पर रहने की सलाह दी जा रही है।
HMPV वायरस खांसने, छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या नजदीकी संपर्क में आने से फैलता है। इसके सामान्य लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार और सर्दियों में सांस लेने में परेशानी होती है। कुछ गंभीर मामलों में यह निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का कारण भी बन सकता है।