रायपुर में रविवार को रामनवमी के अवसर पर VIP रोड स्थित श्रीराम मंदिर में भव्य आतिशबाजी की गई। इसके अलावा, ड्रोन द्वारा हनुमान जी के दर्शन भी कराए गए, जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान आतिशबाजी और ड्रोन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी श्रीराम मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद, उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित अंजनी माता और बाल हनुमान मंदिर में भी पूजा की और आशीर्वाद लिया। वहीं, रायपुर के दूधाधारी और जैतूसाव मठ में भगवान राम का दूध से अभिषेक कर स्वर्ण श्रृंगार किया गया।
दूधाधारी मठ के प्रमुख राजेश्री महंत रामसुंदर दास ने बताया कि राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी और विजयादशमी के विशेष अवसर पर ही साल में तीन बार मठ में स्वामी बालाजी और श्रीराम जानकी को स्वर्ण श्रृंगार से सजाया जाता है। रविवार को 70 किलो सोने के आभूषणों से श्रीराम और स्वामी बालाजी की विशेष सजावट की गई।
ज्योति कलश विसर्जन और हवन
रविवार को चैत्र नवरात्रि का समापन हवन और कन्यापूजन के साथ हुआ। नौ दिन तक चलने वाली जवारे की पूजा के बाद, रात तक जवारा विसर्जन का दौर जारी रहा। शहर की विभिन्न समितियों ने गाजे-बाजे के साथ विसर्जन के लिए कंकाली तालाब की ओर रवानगी की। महिला-पुरुषों के साथ-साथ बच्चों ने भी इस अवसर पर पारंपरिक रूप से बाना-सांगा धारण किए थे।
दूधाधारी मंदिर में मालपूआ का भोग और प्रसाद वितरण
रायपुर के दूधाधारी मठ में 1100 किलो मालपूआ का भोग भी भगवान राम को अर्पित किया गया। इस भोग का प्रसाद आज जनता में वितरित किया जाएगा।
रामनवमी के साथ प्रदेशभर में धूमधाम
रामनवमी का पर्व सिर्फ रायपुर ही नहीं, बल्कि प्रदेशभर में धूमधाम से मनाया गया। बिलासपुर और रायगढ़ में भी शोभा यात्राएं निकाली गई। वहीं बस्तर, अंबिकापुर और अन्य स्थानों पर भी धार्मिक कार्यक्रमों और पूजा-अर्चना का आयोजन हुआ।
ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे ने बताया कि भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय हुआ था, जिसे श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं।