अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ वॉर का असर अब भारत में दिखने लगा है। कई चीनी इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स भारतीय कंपनियों को 5% तक की छूट दे रहे हैं। इस छूट का कुछ हिस्सा कंज्यूमर तक पास किया जा सकता है, जिससे भारत में टीवी, फ्रिज, स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स सस्ते हो सकते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रेड वॉर से अमेरिका में चीनी सामान महंगा हो गया है, जिससे डिमांड घटने का खतरा है। इसी वजह से चीनी कंपनियां भारत जैसे देशों को डिस्काउंट देकर डिमांड बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं।
टैरिफ वॉर टाइमलाइन: अमेरिका बनाम चीन
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2 अप्रैल, 2025: अमेरिका ने चीन पर 54% टैरिफ लगाया। जवाब में चीन ने 67% टैरिफ लगाया।
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4 अप्रैल: चीन ने और 34% टैरिफ जोड़ दिया, जिससे कुल टैरिफ 101% हो गया।
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8 अप्रैल: ट्रम्प ने चेतावनी दी – अगर चीन टैरिफ वापस नहीं लेगा, तो 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे।
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9 अप्रैल: चीन ने मना कर दिया, अमेरिका ने 50% और जोड़ दिया – कुल 104% टैरिफ।
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इसी दिन: चीन ने भी 50% बढ़ाया – टैरिफ बढ़कर 151% हो गया।
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बाद में: अमेरिका ने फिर से 21% बढ़ाया – चीन पर कुल टैरिफ 125% हो गया।
इसका मतलब है – चीन का 100 डॉलर का सामान अब अमेरिका में 225 डॉलर में बिकेगा, जिससे उसकी बिक्री घटेगी।
व्हाइट हाउस का रिएक्शन:
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा – “अगर कोई अमेरिका पर प्रहार करेगा, तो ट्रम्प और बड़ा जवाब देंगे।”
संभावना है कि दोनों देश बातचीत से समाधान निकालने की कोशिश करें।
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन फिलहाल सौदेबाजी में रुचि नहीं दिखा रहा।
रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा:
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था – “अगर कोई देश अमेरिका के साथ गलत करेगा, तो अमेरिका जवाब देगा।”
बाकी देशों को छूट, चीन पर सख्ती:
9 अप्रैल को ट्रम्प ने कहा कि चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों के लिए टैरिफ 90 दिन के लिए रोका जाएगा। चीन पर अब 125% टैरिफ लागू रहेगा।
नतीजा:
भारत के लिए यह मौका है – चीनी कंपनियों की छूट का फायदा उठाकर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स सस्ते कर इंडियन मार्केट में डिमांड बढ़ाई जा सकती है।