आईपीएस जीपी सिंह की सेवा बहाली और संभावित डीजी प्रमोशन ने छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेवा में लौटे जीपी सिंह का डीजी प्रमोशन तय है, लेकिन डीजी के चार स्वीकृत पद पहले से भरे होने के कारण यह मामला पेचीदा बन गया है।
डीजी पदों की वर्तमान स्थिति
छत्तीसगढ़ में डीजी के दो कैडर पोस्ट और दो एक्स कैडर पोस्ट स्वीकृत हैं। फिलहाल डीजीपी अशोक जुनेजा, पवनदेव, अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता डीजी के पद पर तैनात हैं। जीपी सिंह, जो 94 बैच के सीनियर अधिकारी हैं, उनके प्रमोशन से हिमांशु गुप्ता के लिए समस्या खड़ी हो सकती है।
हिमांशु गुप्ता पर असर
94 बैच में सीनियर होने के नाते जीपी सिंह को डीजी प्रमोट करना सरकार की अनिवार्यता होगी। इससे हिमांशु गुप्ता को डीजी से एडीजी के पद पर रिवर्ट किया जा सकता है। हालांकि, यह कदम सरकार के लिए कठिन होगा, क्योंकि प्रमोशन प्रक्रिया और गृह विभाग के आदेश में हिमांशु गुप्ता का कोई दोष नहीं है।
समाधान की संभावनाएं
सरकारी सूत्रों के अनुसार, ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार से अस्थायी रूप से डीजी का एक अतिरिक्त पद स्वीकृत करने की मांग की जा सकती है। केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने के कारण यह प्रक्रिया सरल हो सकती है।
ऐसा पहले भी हो चुका है
विश्वरंजन के केंद्र से लौटने पर भी ऐसी स्थिति बनी थी, जब संतकुमार पासवान का डीजी पद खतरे में पड़ा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात कर एक अतिरिक्त पद स्वीकृत कराया था।
आने वाले समय की संभावना
अगर डीजीपी अशोक जुनेजा को नक्सल मोर्चे पर उनके अनुभव के कारण एक्सटेंशन दिया गया, तो फरवरी में पद खाली नहीं होगा। ऐसे में हिमांशु गुप्ता की पदस्थापना चुनौतीपूर्ण हो सकती है। हालांकि, अगर एक्सटेंशन नहीं मिला, तो पांच फरवरी को एक पद रिक्त होगा, जिससे समस्या स्वतः हल हो जाएगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस प्रमोशन प्रक्रिया और पदस्थापनाओं में कैसे संतुलन बनाएगी।