रायपुर/ पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर एवं सचिव प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि 28 अगस्त 2021 को कर्मचारी संघ की आमसभा रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रेक्षा गृह के गार्डन में दोपहर भोजनावकाश में 1:30 बजे रखी गई है। जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को सातवें वेतन मान के तहत देय समस्त लाभों के साथ-साथ एरियर्स के लाभ से भी वंचित रखा गया है। जिसके लिए शासन को एक नए पैसे भी नहीं देने होंगे, केवल शासन को इस शर्त के साथ एक सहमति पत्र जारी करना होगा कि जो भी वि.वि. अपने श्रोतों से अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन मान का एरियर्स देना चाहे दे सकते हैं।
भविष्य में शासन से किसी भी प्रकार के अनुदान की मांग नहीं करेगा। इस शर्त के साथ शासन केवल सहमति पत्र जारी कर देवें। क्योंकि जब-जब लोकसभा, विधान सभा, नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव आदि/जनगणना/कोरोना जैसे अन्य कामों में ड्यूटी लगाई जाती है तो शासकीय कर्मचारीयों तब-तब विश्विद्यालय के कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जाती है। एक जिम्मेदार शासकीय कर्मचारी मानकर तो शासकीय कर्मचारी और विश्विद्यालय के कर्मचारियों में ऐसा भेदभाव क्यों किया जाता है।
उच्च शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से संघ मांग करता है की तत्काल उपरोक्तानुसार आदेश जारी शासकीय और अशासकीय कर्मचारियों के बीच की खाई को खत्म करें। अन्यथा कर्मचारियों को हड़ताल जैसे अनचाहे कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इसी आम सभा में छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के द्वारा 3 सितंबर को 14 सूत्रीय मांगो के अंतर्गत केंद्रीय कर्मचारियों की भांति 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता, छत्तीसगढ़ प्रदेश के कर्मचारियों को देने के लिए एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेने संबंधी निर्णय लिए जाएंगे।
इसके साथ ही पिछले साढ़े तीन साल से अधिक समय से लंबित कर्मचारियों की पदोन्नति का आदेश शीघ्र जारी करने के लिए वि.वि. प्रशासन को कई बार पत्र देकर निवेदन भी कर चुका है कर्मचारी संघ।
छतीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष विजय कुमार झा को विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ की आम सभा में उदबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है। आपने अपनी सहमति भी दिए है की वि.वि. शिक्षक संघ को भी आमंत्रित किया गया है, उनका भी उदबोधन आम सभा में होगा। जिसमें विश्विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों की एकजुटता की मिशाल प्रस्तुत होगी।
प्रांताध्यक्ष विजय कुमार झा ने अपने वि. वि. कर्मचारियों की संघर्ष समिति को अपना समर्थन पत्र भी दिया है कि छत्तीसगढ शासन और केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को न केवल सातवां वेतनमान प्रभावी दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रदान कर दिया है अपितु लंबित एरियर्स की राशि का भी तीनो किस्तों का भी भुगतान कर दिया है। किंतु खेद का विषय है कि विश्वविद्यालयीन शिक्षकों और कर्मचारियों को 7 वेतनमान के लाभ से वंचित रखा गया है। इसके कारण अन्य अनुसांगिक लाभों से कर्मचारियों को वंचित होना पड़ रहा है।
इस प्रकार प्रदेश में भारतीय संविधान की अवधारणा कानून के समक्ष समानता का अधिकार से विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों को सातवां वेतनमान के लाभ से वंचित रखकर छत्तीसगढ़ की माटी के समता के आंगन में विषमता के बीज बोए जा रहे है जो निंदनीय और अनुचित है।
विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ और कर्मचारी संघ के द्वारा अनेकों बार शासन को पत्र/ मांग पत्र सौंपें गए है साथ ही कर्मचारी संघ द्वारा कई बार राज्यपाल एवं कुलाधिपति को हस्तक्षेप कर सातवां वेतनमान दिलाने की गुहार लगाई गई है, जिसमें स्पष्ट उल्लेखित है कि राज्य शासन को सातवा वेतनमान देने की केवल औपचारिक स्वीकृति/सहमति पत्र ही जारी करना है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ अधिकारी फेडरेशन के साथ श्रवण सिंह ठाकुर अध्यक्ष एवं प्रदीप कुमार मिश्रा महासचिव के साथ मंत्रालय भी जाकर सार्थक पहल की गई है। किंतु कोविड-19 के कारण निर्णय अपेक्षित है।
इस बीच वि.वि. के कार्यरत लगभग अनेक कर्मचारी का निधन भी हो गया है। उनके आश्रितों के परिजनों को आर्थिक क्षति भी हो रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शासन से मान्यता प्राप्त पंजीयन क्रमांक 249 वि.वि. के शिक्षक कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के भविष्य में होने वाले आंदोलन में सहभागी है। वि.वि. की संघर्ष समिति की जायज मांगों की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ वि. वि. के समस्त कर्मचारी दोनों एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जायज मांगों की पूर्ति कराने के लिए संकल्पित है।