रायपुर – छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री के डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 12 आरोपियों को अंतरिम जमानत प्रदान की है। यह जमानत एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दायर मामले में दी गई है।
हालांकि, सौम्या चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक अन्य मामला भी दर्ज है, जिसके कारण वह फिलहाल जेल में ही रहेंगी। इस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है, जिससे उनकी रिहाई फिलहाल संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि अगर आरोपी किसी गवाह को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने में लिप्त पाए जाते हैं, तो राज्य सरकार कोर्ट में आवेदन कर अंतरिम जमानत रद्द करवा सकती है। इसके बाद जमानत रद्द कर दी जाएगी।
कौन-कौन से आरोपी को मिली जमानत:
सुप्रीम कोर्ट ने निम्नलिखित आरोपियों को अंतरिम जमानत दी है:
निलंबित IAS रानू साहू
निलंबित IAS समीर बिश्नोई
निलंबित राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया
कारोबारी सूर्यकांत तिवारी
शिवशंकर नाग
दीपेश टांक
हेमंत जायसवाल
राहुल कुमार सिंह
चंद्रप्रकाश जायसवाल
शेख मोइनुद्दीन कुरैशी
रोशन कुमार सिंह
संदीप कुमार नाग
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच में समय लगेगा, इसलिए आरोपियों को बिना जल्दबाजी के अंतरिम जमानत दी जा रही है। साथ ही, जमानत मिलने के बाद आरोपियों से उचित आचरण बनाए रखने और अदालत के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह आरोपियों के आचरण की रिपोर्ट प्रस्तुत करे, ताकि मामले की जांच में पारदर्शिता बनी रहे।
जांच में हस्तक्षेप से बचने की अदालत की मंशा:
यह फैसला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनाया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अदालत की मंशा किसी भी तरह की जल्दबाजी में निर्णय लेने की नहीं है और न ही वह जांच में हस्तक्षेप करना चाहती है। अदालत का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आरोपियों द्वारा जमानत की शर्तों का पालन किया जाए और निष्पक्ष जांच में सहयोग मिले।
आय से अधिक संपत्ति के मामलों में गिरफ्तार हो सकते हैं रानू साहू और समीर बिश्नोई:
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में आरोपी निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू और समीर बिश्नोई के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज है। इस मामले में पहले ही सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी हो चुकी है। हालांकि, रानू साहू और समीर बिश्नोई अब तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं, और जेल से बाहर आने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) इन दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर सकता है।