Chandrayaan-3 : कल चांद पर लैंडिंग करेगी चंद्रयान-3: लाइव प्रसारण देखने पहली बार शाम को भी खुलेंगे स्कूल, इतिहास रचने से सिर्फ एक कदम दूर..

नई दिल्ली Chandrayaan-3 : भारत का मिशन मून चंद्रयान-3 धीरे-धीरे सफलतापूर्वक अपने मंजिल के करीब पहुंच चुका है. पूरे भारत के साथ-साथ दुनिया की नजरें चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर टिकी हुई हैं, जिसकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुष्टि की है कि चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर चंद्रयान-3 का ऐतिहासिक टचडाउन 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे होगा।
चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल ने चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के साथ सफलतापूर्वक कम्युनिकेशन स्थापित कर लिया है. साथ ही लैंडर हैज़र्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) द्वारा ली गई चंद्रमा के आसपास की तस्वीरें साझा की गईं. आइए जानते हैं अब तक कई बड़े अपडेट्स…बीते सोमवार को दोपहर तीन बजे के करीब इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चंद्रयान-3 के लैंडर ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक कम्युनिकेशन स्थापित कर लिया.
चंद्रयान 3 मिशन को लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है. यूपी के स्कूलों में 23 अगस्त की शाम को मिशन चंद्रयान का लाइव टेलिकास्ट होगा. इसके लिए शाम को 5:15 से 6:15 तक एक घंटे के लिए स्कूलों को खोला जाएगा. महानिदेशक स्कूल शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय की तरफ से नोटिस जारी कर यह जानकारी दी गई है.
Chandrayaan 3 Vikram Lander Live कहां देख सकेंगे?
अपर सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अवगत कराया गया है कि 23 अगस्त 2023 को शाम 5:27 बजे चंद्रयान-3 का चन्द्रमा पर उतरने का लाइव प्रसारण होगा. ISRO की ऑफिशियल वेबसाइट http://isro.gov.in/ पर इसे लाइव देख सकेंगे. ISRO ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर उतरने के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण बुधवार शाम 5 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा. बता दें कि इससे पहले चंद्रयान-2 मिशन साल 2019 में भेजा गया था
 चंद्रयान-3 में क्या नया है
इसरो ने चंद्रयान-2 की विफलताओं से बहुत कुछ सीखा है। ऐसे में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की संभावनाएं बढ़ गई हैं। चंद्रयान-2 में पहले रफ ब्रेकिंग फेज के लिए फर्स्ट ऑर्डर गाइडेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था। फिर चंद्रयान-2 के फेल होने के बाद इसरो ने सबक लिया और चंद्रयान-3 में सेकेंड ऑर्डर गाइडेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया। इसके अलावा भी चंद्रयान-3 में कई ऐसे बदलाव किए गए हैं, जो चंद्रयान-2 में नहीं थे।

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