बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकालने का बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कहा कि आकाश को अपनी परिपक्वता दिखानी चाहिए थी, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया राजनीतिक मैच्योरिटी की मिसाल नहीं थी। मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि आकाश अपने ससुर के प्रभाव में स्वार्थी और अहंकारी हो गए हैं।
मायावती ने एक दिन पहले ही आकाश को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था और उन्हें उत्तराधिकारी नहीं बनाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा, “मेरे जीते-जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। पार्टी और आंदोलन मेरे लिए सबसे पहले हैं, परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं।”
आकाश आनंद, जो मायावती के छोटे भाई के बेटे हैं, को 15 महीने के भीतर दो बार उत्तराधिकारी घोषित किया गया था, लेकिन दोनों बार उन्हें हटाया भी गया। सबसे पहले 10 दिसंबर 2023 को उन्हें उत्तराधिकारी बनाया गया था, लेकिन 7 मई 2024 को उनके गलत बयान के कारण उन्हें पदमुक्त कर दिया गया। इसके बाद, 23 जून 2024 को उन्हें फिर से उत्तराधिकारी घोषित किया गया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन 2 मार्च 2025 को उन्हें फिर से सभी पदों से हटा दिया गया और 3 मार्च को पार्टी से बाहर कर दिया गया।
आकाश ने अपनी बहनजी के फैसले को स्वीकार करते हुए कहा था, “बहनजी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर है। मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं और पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा।”
मायावती ने 2 मार्च को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था, “हमने तय किया है कि अब हमारे परिवारों के बच्चों के रिश्ते गैर-राजनीतिक परिवारों में होंगे। जब तक मैं जीवित रहूंगी, तब तक पूरी ईमानदारी से पार्टी को आगे बढ़ाती रहूंगी।”