घुसपैठियों की तलाश में दुर्ग में पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, 589 की जांच और 154 के फिंगरप्रिंट लिए गए

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते दुर्ग जिले में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। मॉकड्रिल के बाद पुलिस ने संदिग्ध घुसपैठियों और अवैध अप्रवासियों की तलाश शुरू कर दी है। शनिवार सुबह पुलिस टीम ने शारदापारा छावनी, केएलसी खुर्सीपार और जोन-3 खुर्सीपार में घर-घर जाकर 589 लोगों के दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान 154 व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट लेकर उनका डाटाबेस तैयार किया गया।
दुर्ग एएसपी (ग्रामीण) अभिषेक झा ने बताया कि अप्रवासियों की जांच के लिए सीएसपी और एएसपी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें बनाई गईं। शारदापारा छावनी क्षेत्र में सत्य प्रकाश तिवारी, नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर के नेतृत्व में टीम ने लगभग 200 व्यक्तियों के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच की। इस जांच में पश्चिम बंगाल, बिहार के किशनगंज, और झारखंड से आकर रहने वाले लोग शामिल थे, जिनमें से 70 व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट लिए गए।
केएलसी खुर्सीपार और जोन-3 खुर्सीपार में क्रमशः सीएसपी हरीश पाटिल और डीएसपी हेम प्रकाश नायक की टीम ने जांच की। इन इलाकों में कुल 389 लोगों के दस्तावेजों की जांच की गई और 74 लोगों के फिंगरप्रिंट दर्ज किए गए।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कई लोग अपनी असली पहचान छुपाकर किराए के मकानों में रह रहे हैं। इनमें कुछ लोग औद्योगिक इकाइयों और भिलाई स्टील प्लांट में ठेका श्रमिक के तौर पर कार्यरत हैं। पुलिस ने इन संदिग्ध लोगों के आधार कार्ड, राशन कार्ड और पहचान पत्रों को जांचा।
पुलिस की इस कार्रवाई का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों की पहचान करना है, जो वर्तमान परिस्थितियों में सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।