रायपुर/ केंद्र सरकार की कॉरपोरेट हितैषी, किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून पारित करने की मांग को दिल्ली सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन देश के अलग कोने में तीखा होते जा रहा है। 26-27 अगस्त को दिल्ली सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के नौ महीना पूरा होने पर सिंघू बॉर्डर में आयोजित अखिल भारतीय अधिवेशन में इस बात पर जोर दिया गया है कि सभी राज्यों में किसान आंदोलन को तीव्र तीव्र किया जाएगा।
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के राजिम में 28 सितंबर 2021 को किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा जिसमे संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के किसान नेता सम्मिलित होंगे।
शांतिपूर्ण ऐतिहासिक किसान आंदोलन के नौ महीने पूरे होने पर सिंघू बॉर्डर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में छत्तीसगढ़ से प्रतिनिधी के रूप में शामिल अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्यों तेजराम विद्रोही, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, गोविंद चंद्राकार, पंकज चंद्राकर ने भाग लिया और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं राकेश टिकैत, डॉ दर्शन पाल, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, डॉ सुनीलम से मिलकर छत्तीसगढ़ के राजिम में होने वाले किसान महापंचायत में शामिल होने आमंत्रित किया जिस पर किसान नेताओं ने छत्तीसगढ़ आने अपनी सहमति दिया है।
राजिम को इसलिए चुना गया-
किसान आंदोलन की महापंचायत के लिए राजिम को चुनने के पीछे का कारण बताते हुए तेजराम विद्रोही ने कहा, राजिम चार जिलों गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी और रायपुर का संगम है और एक नजदीकी स्थल है। दूसरे जिलों के किसान भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।