रेलवे की चुप्पी बनी बाधा
कचना ओवरब्रिज के निर्माण में एक और अड़चन आ गई है। रेलवे पटरी पर स्लैब डालने के लिए पीडब्ल्यूडी को रेलवे से ड्राइंग डिजाइन की अनुमति नहीं मिल रही है। जनवरी और मार्च में अनुमति के लिए पत्र लिखे गए, लेकिन रेलवे ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
☔ प्रोजेक्ट बारिश तक टलने की संभावना
यदि समय रहते अनुमति नहीं मिली तो मानसून के कारण प्रोजेक्ट की गति पूरी तरह रुक सकती है। बारिश में स्लैब चढ़ाने का कार्य संभव नहीं होगा, जिससे ओवरब्रिज का निर्माण और अधिक विलंबित होगा।
🏗 अप्रैल 2025 तक बनना था ओवरब्रिज, अब छह माह और लग सकते हैं
पीडब्ल्यूडी ने 2023 में कचना ओवरब्रिज का कार्य शुरू किया था, जिसे अप्रैल 2025 तक पूरा करना है। लेकिन अभी तक काम तीन माह पीछे चल रहा है।
शंकर नगर साइड: आरई वॉल अधूरी
कचना साइड: आरई वॉल तैयार, लेकिन क्रॉस बैरियर का काम बाकी
फिनिशिंग का कार्य: पूरी तरह लंबित
🚦 यातायात में फंसे 2.5 लाख लोग, 10-12 मिनट में बार-बार बंद होती फाटक
विशाखापट्टनम मार्ग पर स्थित इस रेलवे फाटक से औसतन हर 10 से 12 मिनट में एक ट्रेन गुजरती है।
ट्रेन के आने से पहले 5 मिनट पहले फाटक बंद
गुजरने के बाद खुलने में लगते हैं कुल 15 मिनट
सबसे ज्यादा परेशान: एंबुलेंस, स्कूली वाहन, ऑफिस जाने वाले लोग
🏙 किन इलाकों के लोग हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?
करीब चार से पांच वार्डों के दो से ढाई लाख लोग इस निर्माण में देरी की वजह से रोजाना ट्रैफिक की समस्या झेल रहे हैं।
प्रभावित क्षेत्र:
खम्हारडीह,कचना,वीआईपी स्टेट,अशोका रतन,हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,पिरदा बाराडेरा,जोरा, चंडीनगर, पार्वती नगर, भावना नगर
📊 35 करोड़ की लागत, टू-लेन ओवरब्रिज
कुल लंबाई: 871 मीटर
चौड़ाई: 12 मीटर
लागत: 35 करोड़ रुपए
मार्ग: खम्हारडीह सीएससीबी कार्यालय से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी तक