पाकिस्तान के पेशावर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान किस्साखानी बाजार की जामा मस्जिद में बड़ा धमाका हो गया। इस बम विस्फोट में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए। धमाके के वक्त मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा कर रहे थे।
पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमले सुरक्षा के लिए चुनौती
हाल के वर्षों में पाकिस्तान में आतंकी हमलों में तेजी आई है। सबसे ज्यादा हमले बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हो रहे हैं। इस हमले के बाद स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पेशावर: ऐतिहासिक शहर, लेकिन आतंकियों का गढ़
पेशावर, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी है। यह शहर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन, अफगानिस्तान सीमा के करीब होने के कारण यह लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे आतंकी संगठन इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और अक्सर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमले करते रहते हैं।
पिछले वर्षों में बढ़े आतंकी हमले
पेशावर में आतंकी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जनवरी 2023 में पुलिस लाइंस इलाके में स्थित मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी TTP से जुड़े एक गुट ने ली थी।
मार्च 2025 में बलूचिस्तान से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बलूच लिबरेशन आर्मी ने हाईजैक कर लिया था, जिसमें कई जवानों की जान चली गई थी।
आतंकवाद से निपटने की चुनौती
पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए आतंकवाद से निपटना एक बड़ी चुनौती बन चुका है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा से देश की आंतरिक सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। पेशावर धमाके ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकियों के निशाने पर अब भी भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल हैं।