बिलासपुर में DJ की तेज आवाज के कारण हुए एक हादसे में एक बच्चे की मौत हो गई, जिसे लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी कार्रवाई की है। चीफ जस्टिस ने इस मामले को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की, और शासन से जवाब तलब किया। बुधवार को शासन की ओर से एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में जवाब पेश किया, जिसमें कहा गया कि मकान DJ की आवाज से नहीं गिरा, बल्कि वाहन के टकराने से छज्जा गिरा। पुलिस ने इस मामले में वाहन चालक और DJ संचालक को गिरफ्तार कर लिया है और 15 दिन के लिए रिमांड पर लिया है।
मल्हार हादसा: 10 लोग घायल, 1 की मौत
बीते रविवार को मल्हार के केंवटपारा में DJ की तेज आवाज से मकान का छज्जा गिरने से 4 बच्चों सहित 10 लोग घायल हो गए थे, जिसमें एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया और चीफ सेक्रेटरी सहित अन्य अधिकारियों को पक्षकार बनाया।
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने दुर्घटना का कारण मेटाडोर के मकान से टकराने को बताया, जबकि वकीलों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि यदि वाहन में रखे DJ के सामान से छज्जा गिरा है, तो ड्राइवर को ही आरोपी बनाना चाहिए था। लेकिन पुलिस ने DJ संचालक और आयोजकों को भी आरोपी बना दिया, जिससे यह साबित होता है कि तेज आवाज़ ही असल कारण था।
पुलिस की कार्रवाई पर संदेह
हाईकोर्ट के क्रिमिनल केस के जानकार एडवोकेट समीर सिंह का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई से यह लगता है कि या तो आरोपियों को बचाने के लिए यह षड्यंत्र किया जा रहा है, या फिर यह FIR दबाव में की गई है। ट्रायल के दौरान आरोपियों को इसका लाभ मिल सकता है, जिससे वे आसानी से बच जाएंगे।
DJ पर सख्त प्रतिबंध की आवश्यकता
हाईकोर्ट ने DJ की तेज आवाज पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। शादी समारोह और अन्य आयोजनों में अब भी तेज आवाज में DJ बजाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने 6 महीने पहले एक निगरानी टीम भी बनाई थी, जो DJ संचालकों पर नजर रखे, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।