अनुपम खेर ने AAP की हार पर केजरीवाल के पुराने बयान को याद करते हुए दी प्रतिक्रिया

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पुराने बयान को याद करते हुए कहा कि कश्मीरी हिंदुओं पर किए गए उनके बयान ने उनके राजनीतिक पतन में अहम भूमिका निभाई है। अनुपम खेर ने 2022 के विधानसभा सत्र की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “कश्मीरी हिंदुओं पर किए गए बयान ने केजरीवाल के राजनीतिक पतन में भूमिका निभाई है।”
अनुपम खेर की पोस्ट में आलोचना
अनुपम खेर ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “किसी को दुख देना गलत है, लेकिन जो लोग अन्याय सह चुके हैं, उनके दर्द का मजाक बनाना अमानवीयता की हद है! जब किसी की आत्मा आहत होती है, तो उसकी ‘आह’ निकलती है और वही आह कभी न कभी एक ‘श्राप’ बन जाती है! शायद इस तस्वीर में दिख रहे लोगों के साथ भी यही हुआ है। ये नियति का नियम है! जब इन लोगों ने दिल्ली विधानसभा में हंसी उड़ाई थी, तब लाखों कश्मीरी पंडित खून के आंसू रो रहे थे!”
AAP की हार पर अनुपम खेर की टिप्पणी
आम आदमी पार्टी (AAP), जिसने 2015 में दिल्ली में सरकार बनाई थी और लगातार सत्ता में रही थी, 2025 के चुनावों में बुरी तरह हार गई। AAP के नेता अरविंद केजरीवाल अपनी परंपरागत ‘नई दिल्ली’ सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा से हार गए। इस हार पर अनुपम खेर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह केजरीवाल के पुराने बयान का परिणाम है।
2022 में अरविंद केजरीवाल का बयान
अनुपम खेर का इशारा उस बयान की ओर था, जो अरविंद केजरीवाल ने 2022 में दिया था, जब उन्होंने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को दिल्ली में टैक्स-फ्री करने की मांग को ठुकरा दिया था। केजरीवाल ने उस समय कहा था, “मेरे लिए फिल्म कोई मुद्दा नहीं है, ये बीजेपी के लिए हो सकता है। विवेक अग्निहोत्री को फिल्म यूट्यूब पर डाल देनी चाहिए ताकि लोग इसे मुफ्त में देख सकें। टैक्स-फ्री करने की जरूरत ही क्या है?” इस बयान के बाद अनुपम खेर ने कड़ी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने गंभीर मुद्दे को मजाक में बदल दिया था।
कड़ी आलोचना और सफाई
इस बयान पर विवाद हुआ था, जिसके बाद केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा था कि उनकी हंसी फिल्म या कश्मीरी हिंदुओं की पीड़ा पर नहीं थी, बल्कि बीजेपी पर थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया है और 27 साल बाद राजधानी की सत्ता में वापसी की है।