“मेरे जीवन में कोई ‘तू’ कहने वाला नहीं…” : पीएम मोदी ने साझा किए अपने जीवन के अनछुए पहलू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में निखिल कामत के पॉडकास्ट में अपनी ज़िंदगी के कुछ व्यक्तिगत पहलुओं का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनका जीवन ऐसा रहा है कि बचपन के दोस्तों से उनका संपर्क ही नहीं रह पाया, क्योंकि उन्होंने बहुत कम उम्र में ही घर छोड़ दिया था। यह अनुभव उनके लिए खासा कठिन था, क्योंकि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने अपने पुराने स्कूल दोस्तों को बुलाया था, लेकिन बातचीत में दोस्ती की वह गहराई महसूस नहीं हो पाई। पीएम मोदी ने कहा, “मैं दोस्तों में दोस्त नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री ही नजर आया।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि अब उनके जीवन में कोई ऐसा नहीं है जो उन्हें ‘तू’ कहकर बुलाए। वह बताते हैं कि एकमात्र व्यक्ति जो उन्हें इस तरह संबोधित करते थे, वह उनके शिक्षक रासबिहारी मणियार थे, जो हाल ही में 94 साल की उम्र में निधन हो गए। पीएम मोदी ने कहा कि वह उनके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण थे, क्योंकि उन्होंने हमेशा ‘तू’ कहकर उन्हें संबोधित किया।

पीएम मोदी ने यह भी साझा किया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी दूसरी इच्छा यह थी कि वह अपने सभी शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करें, और उन्होंने ऐसा किया भी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनके जीवन में उनके शिक्षकों का बड़ा योगदान था और उनके लिए यह एक कृतज्ञता का भाव था।

प्रधानमंत्री ने राजनीति और जीवन के बारे में अपनी सोच को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि वह कभी भी उत्कृष्ट छात्र नहीं थे, लेकिन एक शिक्षक ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। उनका मानना है कि राजनीति में सफलता का रहस्य केवल एंबिशन में नहीं, बल्कि मिशन में है। वह महात्मा गांधी को अपनी प्रेरणा मानते हैं, जिनकी जीवन शैली और साधारणता ने उन्हें महान बना दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि गांधीजी की बातें सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं थीं, बल्कि उनका जीवन ही उनके संदेश का सबसे बड़ा उदाहरण था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed